Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

ऐसा क्या हुआ कि अचानक सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगीं ‘माता वैष्णो देवी’? लोगों ने जमकर शेयर किया VIDEO

11

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए जहां पूरे देश में पूजा-पाठ का दौर शुरू था वहीं उत्तराखंड के देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर  में माता वैष्णो देवी गुफा में भी विशेष पूजा की गई।

जम्मू के कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी के नाम की समानता के कारण इस पूजा में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और  इस पूजा से जुड़े वीडियो को जमकर शेयर किया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर माता वैष्णों देवी ट्रेंड करने लगा। जो भक्त माता वैष्णो देवी के मंदिर नहीं जा पाते वो भक्त यहां आकर माता वैष्णो देवी के दर्शन करते हैं।

टपकेश्वर शिव मंदिर एक प्राकृतिक गुफा है जो टोंस नदी के पास स्थित है।यहां गुफा के अंदर एक खुद से बना शिवलिंग है, जिस पर उपर से पानी की बूंदें प्राकृतिक और नियमित रूप से गिरती हैं. इसीलिए इस शिव मंदिर को टपकेश्वर कहा जाता है।

इस मंदिर में भक्त प्राकृतिक रूप से बनी एक गुफा से सिर झुका कर  गुजरते हैं। इसे माता वैष्णो देवी गुफा मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर के आसपास हरियाली, नदी और झरने इस जगह को प्राकृतिक का खूबसूरत खजाना है। टपकेश्वर मंदिर का इतिहास महाभारत काल में गुरु द्रोणाचार्य से शुरू होता है। पुराओं के मुतबिक,  गुरु द्रोणाचार्य यहां भगवान शिव की तपस्या करने आए थे और उन्होंने भगवान शिव के लिए यहां पर बैठक 12 साल तक तपस्या की थी।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.