मुंगेली। शिक्षकों की पदोन्नति व पोस्टिंग मामले में हुए घटाले की जांच करने रायपुर से लोक शिक्षण संचालनालय की टीम मुंगेली के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंची। जांच टीम को देखते ही अधिकारी व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने डीईओ के दफ्त में सभी दस्तावेजों की जांच की। डीईओ से पूछताछ भी किया। हालांकि अभी तक दस्तावेजों में क्या मिला है। इसके बारे में सार्वजनिक बयान नहीं दिया गया है।
,छत्तीसगढ़ के कई संभागों में शिक्षा विभाग में पोस्टिंग घोटाला उजागर हुआ। कई अफसरों पर कार्रवाई हुई। अफसर बंद कमरे में घंटों विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से पूछताछ की। देर शाम तक कार्रवाई चलती रही। इस मामले में जांच टीम जानकारी छिपाती नजर आई। शिकायत मिली है कि शिक्षा विभाग मुंगेली में कई प्रकार के घोटाले और भ्रष्टाचार किए गए हैं। यह धीरे-धीरे उजागर हो रहा है। पात्र शिक्षकों को पदभार ना देकर अपात्र को प्रभार देना, बैक डेट पर शिक्षकों का पदोन्नति आदेश जारी करना, आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पैसे लेकर बच्चों का एडमिशन कराना, फर्जी प्रमाण पत्र से प्रमोशन लेना और कई प्रकार के आरोप लगे हैं। इसका खुलासा जांच टीम की रिपोर्ट पेश करने के बाद होगा। डीईओ के दफ्तर में बंद कमरे में जांच चल रही है। जांच टीम में रायपुर के ज्वाइंट डायरेक्टर भी शामिल हैं। जांच टीम की धमक से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है जांच टीम ने मीडिया से दूरी बनाई हुई है। प्रमोशन के बाद पोस्टिंग को लेकर मुंगेली शिक्षा विभाग की भी शिकायत हुई है, जिसके बाद जांच टीम पहुंची है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि जांच के बाद जिले के कई अफसर व कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शिक्षा विभाग में पोस्टिंग घोटाला उजागर होने के बाद जेडी प्रभारी और सहायक ग्रेड-2 को सस्पेंड कर दिया था। लेकिन, जांच रिपोर्ट आने के बाद भी इस गंभीर मामले में लीपापोती शुरू हो गई थी।
नए शिक्षा मंत्री के निर्देश पर शुरू हुई जांच
विभागीय मंत्री रविंद्र चौबे के निर्देश पर विभाग ने दोषी लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज भी किया जा रहा है। कमिश्नरों की जांच में करीब साढ़े तीन हजार पोस्टिंग संशोधनों की जानकारी आई थी। इनमें सबसे अधिक बिलासपुर में खेल हुआ था। जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली के जांच के उपरांत बाद ही बंद मुट्ठी खुलेगी। इससे पता चलेगा कि आखिर गाज किस अधिकारी व बाबूओं के ऊपर गिरेगी। यहं जांच नए शिक्षा मंत्री के निर्देश पर शुरू हुई है।
पैसे लेकर पोस्टिंग करने की रही चर्चा
पदोन्नति व पदस्थापना के दौरान शिक्षा विभाग में जमकर लेनदेन करने की बात सामने आई थी। बिना पैसे के एजेंट किसी भी शिक्षक से बात भी नहीं करते थे। मनपसंद व पास के स्कूलों में पदस्थापना के लिए शिक्षकों ने भी जमकर पैसे उड़ाए हैं। किसी भी शिक्षकों द्वारा विरोध नहीं किया गया। अब शासन की ओर से पदोन्नति को निरस्त करने की बात सामने आ रही है। इससे पैसा देने वाले शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।
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