कोरबा। सीतामणी के एक मकान में निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक के नीचे उतरे तीन लोग जहरीली गैस के चपेट में आने से बेहोश हो गए। आनन फानन में तीनों को किसी तरह बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा गया। जहां चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया। सेप्टिक टैंक में अवैध रूप में शराब बनाने के लिए महुआ लहान प्लास्टिक के डिब्बे में भर कर रखा गया था।
शहर के सीतामणी बस्ती में रहने वाला नरेन्द्र सहिस 30 वर्ष अवैध रूप से शराब बना कर बेचने के कारोबार में लिप्त था। उसके घर सेप्टिक टैंक (10 फीट गहरा) का निर्माण कार्य चल रहा था। पुलिस से बचने वह निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक के अंदर डिब्बों में रख कर महुआ को सड़ाने की प्रक्रिया करता था। शुक्रवार की रात आठ बजे नरेन्द्र सहिस कच्ची शराब बनाने के लिए महुआ लहान को बाहर निकालने सेप्टिक टैंक के नीचे उतरा, पर अंदर ही बेहोश हो गया। मोहल्ले में ही रहने वाले उसके दो साथी कृष्णा बरेठ उर्फ गुड्डू और बिहारी यादव भी उसके साथ थे। नरेन्द्र के बेहोश होने पर एक-एक कर दोनों उसे बचाने नीचे उतरे, पर वे भी बेहोश हो गए।
घर में मौजूद नरेन्द्र के स्वजनों को इसकी जानकारी हुई और उन्होंने आसपास के लोगों को इससे अवगत कराया। कुछ ही देर में मौके पर लोगों की भीड़ लग गई और किसी तरह तीनों को सेप्टिक टैंक से बाहर निकाला गया। सूचना मिलने पर रात 10 बजे मौके पर पहुंची डायल 112 की टीम सभी को जिला अस्पताल ले गई। यहां नरेन्द्र को मृत घोषित कर दिया गया। गंभीर अवस्था में उसके साथी कृष्णा व बिहारी यादव को भर्ती कर लिया गया। पुलिस ने मर्ग का मामला कायम कर नरेश के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार के लिए स्वजनों को सौंप दिया।
महुआ सड़ाने से निकलता है कार्बन डाइआक्साइड- अग्रवाल
शासकीय ईवीपीजी कालेज के वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर सुशील अग्रवाल ने बताया कि जब महुआ को सड़ाकर अल्कोहल बनाया जाता है, तब इस प्रक्रिया में कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन होता है। चूंकि सेप्टिक टैंक गहरा था और वहां पहले से ही आक्सीजन की कमी रही होगी। इसकी वजह से कार्बन डाइआक्साइड को वहां से बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। आक्सीजन की कमी और कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा अधिक होने की वजह से लोगों का दम घुट गया होगा। यह मौत का एक कारण हो सकता है।
मौके पर पहुंचे निगम के अधिकारी, कहा- हो रहा अवैध निर्माण
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डा संजय तिवारी ने स्थल का निरीक्षण करने के बाद कहा कि अवैध रूप से मकान का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें एक अंडरग्राउंड टैंक भी बनाया गया है, जिसका भविष्य में उपयोग सेप्टिक टैंक के रूप में किया जा सकता है किंतु अभी यह सेप्टिक टैंक चालू नहीं है। उन्होंने बताया कि टैंक में कंटेनरों में अवैध रूप से महुआ लहान का भंडारण किया गया था, इसलिए यह घटना हुई।
बीच शहर में बन रहा था अवैध शराब, पुलिस बेखबर
इस घटना ने शहर के अंदर चल रहे अवैध शराब बनाने के कारोबार की कलाई खोल दी है। शहर के अंदर बस्ती में बड़े पैमाने पर महुआ से शराब बनाया जा रहा था, लेकिन इसकी खबर पुलिस को नहीं थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से इस मकान में अवैध शराब बनाया जा रहा। पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक महुआ लहान से भरा डिब्बा जब्त किया है। हालांकि अवैध शराब की बात पुलिस अभी स्वीकार नहीं कर रही।
दो मासूम बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
नरेन्द्र की मौत से उसके दो मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। नरेन्द्र के पिता राधेश्याम ने बताया कि नरेन्द्र निजी कंपनी में चालक का काम करता था। कच्चे मकान के ठीक पीछे नए मकान का निर्माण चल रहा। वहां सेप्टिक टैंक के अंदर महुआ शराब बनाने के लिए महुआ लहान रखा था। रात को उसे बाहर निकालने टैंक के नीचे उतरा था, तब यह घटना हुई।
मामले की जांच के बाद स्थिति होगी स्पष्ट
सेप्टिक टैंक के नीचे उतरे तीन लोग बेहोश हो गए थे। उसमें एक की मौत हो गई है। मर्ग कायम कर मामले की जांच पड़ताल की जा रही। कुछ डिब्बों में रखा महुआ भी जब्त किया गया है। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह मामला अवैध शराब के कारोबार से जुड़ा है या नहीं।
रूपक शर्मा, निरीक्षक, कोतवाली
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