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शादी में फिजूलखर्ची पर लगेगी रोक बारात में शामिल होंगे सिर्फ 50 लोग संसद में पेश हुआ बिल

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इन दिनों शादियों में बेवजह के खर्च करना शान की बात समझी जाती है। लेकिन इसकी वजह से मध्यम वर्गीय परिवार पर काफी बोझ पड़ता है। इसी मुद्दे पर कानून बनाने के लिए पंजाब के कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने संसद में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया। इस बिल में बारात में सिर्फ 50 लोगों को ही बुलाने और सिर्फ 10 पकवान बनवाना जैसे नियमों को लागू करने की बात कही गई है। संसद में पेश किए गए इस बिल का उद्देश्य शादियों में होने वाले अनाप-शनाप खर्चों में कमी लाना है।

बिल में क्या है?

मानसून सत्र में पेश इस बिल को विशेष अवसरों पर व्यर्थ व्यय की रोकथाम विधेयक (Prevention of Wasteful Expenditure on Special Occasions Bill) नाम दिया गया है। इस बिल के मुताबिक कहा गया है कि शादियों के दौरान बारात में सिर्फ 50 लोगों को ही बुलाया जाना चाहिए, 10 से ज्यादा पकवान नहीं होने चाहिए और शादियों में 2500 से ज्यादा का शगुन नहीं दिया जाना चाहिए। बिल के एक प्रावधान के मुताबिक शादी में गिफ्ट लेने की बजाए गरीबों, जरूरतमंदों, अनाथों या समाज के कमजोर वर्गों को इसकी राशि दान में दी जानी चाहिए।

क्या है इस बिल की जरुरत?

सांसद ने बताया कि इस बिल का मकसद शादियों पर होने वाले खर्चे पर लगाम लगाना और फिजूलखर्ची के बढ़ते चलन को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आये हैं जिसमें लोगों को अपने बेटियों की शादी के लिए अपनी जमीनें और घर तक बेचने पड़े हैं या फिर बैंक से लोन लेना पड़ा है। यह प्रचलन बंद होना चाहिए क्योंकि इससे लड़की के परिवार पर बहुत बोझ पड़ता है।

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