पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए आत्मघाती हमले में मरनेवालों की संख्या 54 पहुंच गई है। इनमें से लगभग आधे 18 साल से कम उम्र के बच्चे थे। इस धमाके में करीब 150 लोग घायल भी हुए हैं। रविवार को अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में एक आत्मघाती हमलावर ने रैली में आत्मघाती विस्फोट कर दिया। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बाजौर में जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के कार्यकर्ताओं पर आत्मघाती विस्फोट के पीछे इस्लामिक स्टेट (ISIS) का हाथ था।
जांच में जुटी पुलिस
जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) नजीर खान ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि प्रतिबंधित संगठन दाएश इसमें शामिल था। बाजौर और आसपास के इलाकों के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया, जहां ज्यादातर घायलों को ले जाया गया था। गंभीर रूप से घायलों को सैन्य हेलीकॉप्टरों द्वारा बाजौर से पेशावर के अस्पतालों में ले जाया गया। बम निरोधक दस्ते की टीम घटनास्थल से सबूत इकट्ठा कर रही है। इस मामले में तीन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बढ़ गये हैं आतंकियों के हमले
पिछले साल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और इस्लामाबाद के बीच युद्धविराम टूटने के बाद से पाकिस्तान में चरमपंथियों के हमलों में फिर से बढ़ोतरी देखी गई है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की शुरुआत में पेशावर में एक मस्जिद में हुए बम विस्फोट में 100 से अधिक लोग मारे गए थे। जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और केपी कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान घटना की जांच करें। उधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विस्फोट की निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला बताया और कसम खाई कि जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा।
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