उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ा। देशभर से आए दो लाख से अधिक भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। दरअसल शनिवार को मोहर्रम तथा रविवार को सप्ताहिक अवकाश होने से देशभर से श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंचे थे। भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने शनिवार शाम से ही परिसर में भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया था। सोमवार तक तीन दिन परिसर में प्रवेश बंद रहेगा।
दरअसल महाकाल मंदिर प्रशासन मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महाकाल महालोक, फैसिलिटी सेंटर तथा टनल मार्ग के रूप में विकसित की गई अधोसंरचना का समुचित उपयोग नहीं कर पा रहा है। अधिकारियों के पास भीड़ नियंत्रण का समुचित प्लान नहीं है। इसलिए तमाम सुविधाएं मौजूद होने के बावजूद अधिकारी थोड़ी सी भीड़ बढ़ने पर परिसर में प्रवेश बंद कर देते हैं। इस बार भी शनिवार शाम से मंदिर प्रशासन ने परिसर में प्रवेश बंद कर रखा है। परिसर में चालीस से अधिक देवी देवताओं के मंदिर हैं, प्रवेश बंद रहने से भक्त इनके दर्शन नहीं कर पाते हैं।
चौरासी महादेव यात्रा अधूरी, मायूस होकर लौट रहे भक्त
श्रावण अधिक मास में देशभर से श्रद्धालु उज्जैन में चौरासी महादेव, नौ नारायण व सप्त सागर यात्रा करने आ रहे हैं। महाकाल मंदिर में चौरासी में से चार महादेव के मंदिर है। परिसर में प्रवेश बंद रहने से बाहर से आने वाले यात्री चार महादेव के दर्शन नहीं कर पाते हैं। उनके लिए तीन दिन उज्जैन में रहकर परिसर में प्रवेश चालू होने का इंतजार करना भी संभव नहीं है। ऐसे में 80 महादेव के दर्शन कर आधी अधूरी यात्रा छोड़कर अपने घरों को लौट रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर लाखों खर्च, फिर भी व्यवस्था नहीं
महाकाल मंदिर समिति सुरक्षा व्यवस्था पर सालाना लाखों रुपये खर्च कर रही है। हाल ही में कंपनी ने मुंबई की क्रिस्टल कंपनी को सुरक्षा व्यवस्था का ठेका दिया है। कंपनी ने बड़ी संख्या में गार्ड भी तैनात किए हैं। बावजूद इससके परिसर की व्यवस्था बनाने में प्रशासन नाकाम है। अधिकारी चाहे, तो पर्याप्त गार्ड की ड्यूटी लगाकर परिसर की भीड़ नियंत्रित कर सकते हैं।
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