बिलासपुर। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा जांजगीर-चांपा जिले के जिला कोर्ट का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान परिसर सहित वाश रूम में पसरी गंदगी को देखकर भड़क गए। नाराज चीफ जस्टिस ने व्यवस्था सुधारने निर्देश दिए हैं। बार रूम में अधिवक्ताओं से मिले। उनकी समस्याएं सुनी व शीघ्र निराकरण की बात कही। जिला कोर्ट के जजों को पेंडेंसी खत्म करने की दिशा में गंभीरता से काम करने की बात कही।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा हाई कोर्ट के मामलों की सुनवाई के बाद शुक्रवार को औचक निरीक्षण के लिए जांजगीर-चांपा पहुंचे। जिला न्यायालय, परिवार न्यायालय एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के समस्त कक्षों का निरीक्षण किया। इस दौरान परिसर में अस्त व्यस्त पार्किंग, कोर्ट प्रांगण में बेसहारा पशुओं का विचरण, भवन की दीवारों में जगह-जगह सीपेज होना तथा वाशरूम में पसरी गंदगी देखकर नाराजगी जताई। सभी समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए जिला न्यायाधीश को निर्देश दिए।
चीफ जस्टिस सिन्हा ने अधिवक्ताओं के बार रूम का भी निरीक्षण किया। अधिवक्ताओं की समस्याओं को सुना व शीघ्र निराकरण करने के लिए संबंधितों को निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद कांन्फ्रेन्स हाल में जिले के सभी न्यायाधीशों की संयुक्त बैठक ली। जजों से प्रकरणों को शीघ्रातिशीघ्र निराकरण करने व पांच से 10 वर्ष के पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता देते हुए त्वरित गति से निराकृत करने के लिए निर्देशित किया। निरीक्षण में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल अरविन्द कुमार वर्मा भी शामिल थे।
चीफ जस्टिस सिन्हा को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में आये हुए मात्र तीन माह ही हुए हैं। बीते तीन माह के कार्यकाल में ही जिला न्यायालय रायपुर बिलासपुर, कांकेर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कोरबा, कटघोरा एवं मुंगेली का निरीक्षण कर मूलभूत सभी आवश्यक कार्य को शीघ्रातिशीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दे चुके हैं। चीफ जस्टिस के लगातार औचक निरीक्षण करने से राज्य के समस्त जिला न्यायालयों एवं संबंधित अधीनस्थ न्यायालयों में मूलभूत सुविधाओं में सुधार होना प्रारंभ हो गया है।
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