Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
महाराष्ट्र में बदल सकती है राजनीति की दिशा, इन 7 कारणों से एक साथ नजर आ सकते हैं राज और उद्धव ठाकरे सीलमपुर हत्याकांड: बच कैसे गया था कुनाल! वो बात जिसके बाद लेडी डॉन जिकरा पर सवार हुआ हत्या का भूत वो आधी हिंदू, आधी मियां…नाम रखा जाए ममता बेगम… BJP नेता विनय कटियार का हमला 62 की उम्र में शादी, दूसरे ही दिन दुल्हन ने कर दिया कांड; डेढ़ महीने से चक्कर काट रहे बुजुर्ग J-K: किश्तवाड़ में धंसी जमीन; 22 परिवारों को किया गया शिफ्ट, क्या ये है भूस्खलन का जिम्मेदार? भाभी से पड़ोसी का चल रहा था अफेयर, देवर को पता चला तो प्रेमी ने लगा दिया ठिकाने हमें धोखे से जहर खिलाया… मौत से पहले दंपत्ति ने भेजा वॉयस मैसेज, हैरान कर देगा ये डबल मर्डर केस गाजियाबाद: नाबालिग से टीचर ने दो साल तक किया हैवानियत, प्रेग्नेंट हुई तो अबॉर्शन भी कराया; ऐसे हुआ ख... जिस प्यार के लिए कराया लिंग परिवर्तन, उसी ने किन्नर के लिए छोड़ दिया साथ; लड़का से लड़की बने सन्नी क... सास को लेकर घर पहुंचा राहुल, गांव वालों ने खदेड़ा; पिता बोले- यहां क्यों आए?

Manipur Violence: मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, भीड़ ने सुरक्षा बलों की 2 बसों में आग लगाई

20

मणिपुर के मोरेह जिले में बुधवार को उपद्रवियों के एक समूह ने कई घरों में आग लगा दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी खाली पड़े ये घर म्यांमा सीमा के करीब मोरेह बाजार क्षेत्र में थे। अधिकारियों ने बताया कि यह आगजनी कांगपोकपी जिले में भीड़ द्वारा सुरक्षा बलों की दो बसों को आग के हवाले करने की घटना के कुछ घंटों बाद हुई। इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

यह घटना सपोरमीना में उस समय हुई, जब बसें मंगलवार शाम दीमापुर से आ रही थीं। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने मणिपुर की पंजीकरण संख्या वाली बस को सपोरमीना में रोक लिया और कहा कि वे इस बात की जांच करेंगे कि बस में कहीं दूसरे समुदाय का कोई सदस्य तो नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि उनमें से कुछ लोगों ने बसों में आग लगा दी।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.