बस्ती निवासी महेंद्र सिंह 18 वर्ष गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसे जिला अस्पताल के बाद शहडोल फिर जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था। यहां युवक को फिर एक निजी अस्पताल जबलपुर में उपचार हेतु भर्ती कराया गया है जहां 15 जुलाई को सिर का आपरेशन हुआ लेकिन अगले दिन महेंद्र की मौत हो गई थी। मृतक का शव बुधवार को गृह ग्राम लाया गया था, जब मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी तभी मृतक युवक के पेट में टांका लगा हुआ देखा गया, जिस पर स्वजनों को शंका हुई कि जबलपुर अस्पताल में कहीं किडनी तो नहीं निकाली गई।
मामला तूल पकड़ा तो अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रोकी
मामला तूल पकड़ा और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रोक दी गई मामले की जानकारी कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल को हुई वह भी चचाई बस्ती गांव पहुंचे।शव को जिला अस्पताल अनूपपुर ले जाया गया, यहां तीन डॉक्टरों की निगरानी में बुधवार देर शाम पोस्टमार्टम हुआ डाक्टरों की टीम ने प्रथम दृष्टया पाया कि सिर की हड्डी को पेट में चीरा लगाकर रखा गया किडनी सुरक्षित है। पूरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद और किडनी गायब होने का मामला स्पष्ट हो जाएगा इसके बाद है मृतक युवक के स्वजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। इस मामले पर भी जबलपुर के निजी अस्पताल ने सारे आरोपों को निराधार बताया।
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