कोरबा। गेवरा खदान समाहित गांव अमगांव के आश्रित मोहल्ले के प्रभावितों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला और अब प्रबंधन द्वारा मकानों के सर्वे व मूल्याकंन कराया जा रहा है।इसका विरोध कर रहे ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी पाली को ज्ञापन सौंपते हुए काम बंद कराने की मांग की।
साउथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) गेवरा खदान की विस्तार नीति से ग्राम अमगांव के दर्राखांचा मोहल्ले का अधिग्रहण किया जाना है, इसके लिए यहां के मकानों व परिसंपत्तियों का मूल्यांकन कार्य प्रबंधन द्वारा कराया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। ऊर्जाधानी भू- विस्थापित किसान कल्याण समिति ने सर्वे मूल्यांकन के कार्य पर रोक लगाने की मांग की है। चार सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम कार्यालय पाली में समिति ने ज्ञापन सौंपा। समिति ने ज्ञापन में कहा है कि आठ साल पहले जोकाहीडबरीपारा दर्राखांचा का सर्वे व मूल्यांकन के बाद मकानों को तोड़ा गया था, इसमें अब तक 11 लोगों को ही मुआवजा का भुगतान किया है।
शेष100 प्रभावितों को मुआवजा नहीं मिला है। एसईसीएल प्रबंधन ने पुन: सर्वे शुरू कर दिया है। लंबित रोजगार व बसाहट के प्रकरणों का निराकरण कर बसाहट स्थल नेहरू नगर बतारी का विकास कार्य कराए जाने की मांग भी की गई है, पर लंबित प्रकरणों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। समिति ने कहा कि पुराने लंबित मामलों का निराकरण करने के बाद ही नापी सर्वे का कार्य को किया जाए, अन्यथा ग्रामीण आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।
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