बिहार के जहानाबाद में दो दिन पहले नेशनल हाईवे के किनारे मिले शव की शिनाख्त हो गई है. यह शव गुजरात के एक बड़े व्यवसायी का है. वह चार दिन पहले पटना हवाई अड्डे पर उतरे थे और वहीं से उनका अपहरण हो गया था. पुलिस को मिले इनपुट के मुताबिक व्यवसायी को जालसाजों ने झांसा देकर पटना बुलाया था और उन्हें अगवा कर उगाही करने की कोशिश की. दो दिन साथ रखने के बाद भी जब जालसाजों को उनके पास से कुछ नहीं मिला तो हत्या कर शव को घोसी थाना क्षेत्र में हाईवे किनारे डाल दिया था.
घोसी थाना पुलिस को यह शव 12 अप्रैल की सुबह झुमकी गांव एवं मननपुर गांव के बीच में मिला. इसके बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पहचान के लिए पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया. इसी बीच सूचना मिली कि 11 अप्रैल को गुजरात के एक व्यापारी की गुमशुदगी पटना एयरपोर्ट थाने में दर्ज है. जब मिलान किया गया तो शव की पहचान हो गई. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पूरा मामला खुलता चला गया. पता चला कि ये व्यवसायी साइबर फ्रॉड के शिकार हुए हैं.
एयरपोर्ट थाने में दर्ज है गुमशुदगी
दरअसल जालसाजों के जाल में फंसकर वह 10 अप्रैल को गुजरात से पटना आए थे. पटना एयरपोर्ट पर उतरकर उन्होंने जालसाजों से संपर्क किया और इसके बाद से ही वह लापता हो गए. व्यवसायी के परिजनों ने पटना एयरपोर्ट पुलिस को दिए शिकायत में बताया कि पटना एयरपोर्ट पहुंचने पर उनकी बात हुई थी, लेकिन उसके बाद से ही उनका फोन बंद जा रहा है. घोसी पुलिस की जांच में पता चला है कि बदमाशों ने व्यवसायी को अगवा करने के बाद नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र में 2 दिनों तक रखा.
साइबर अपराधियों की कुंडली खंगाल रही पुलिस
इस दौरान बदमाशों ने उनसे उगाही की खूब कोशिश की, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा तो मार डाला. पुलिस के मुताबिक व्यवसायी की पीट-पीटकर हत्या हुई है. उसके शरीर पर कई जगह गहरे चोट के निशान हैं. मामले का खुलासा होने के बाद पटना, नालंदा और जहानाबाद की पुलिस इस वारदात के तार जोड़ने में जुट गई है. इसी क्रम में साइबर अपराधियों की कुंडली भी खंगाली जा रही है. हालांकि अभी तक जहानाबाद पुलिस ने इस संबंध में कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है.
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