भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. उसने कई बैंक को करीब 14 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है. गिरफ्तारी के बाद अब मुंबई में उसकी प्रॉपर्टी पर जांच एजेंसियों के एक्शन से जुड़ी ऐसी जानकारी सामने आई है, जो किसी को भी हैरान कर देगी. चोकसी और उसकी पत्नी के फ्लैट की दीवारें जांच एजेंसियों के नोटिस से भरी पड़ी हैं. साउथ मुंबई, दादर और चरनी रोड पर मेहुल चोकसी की करोड़ों रुपये कीमत की संपत्ति सीज की जा चुकी है. साउथ मुंबई के बेहद पॉश और महंगे इलाके वालकेश्वर में समुद्र से सटे ‘गोकुल अपार्टमेंट’ में चोकसी और उसकी पत्नी प्रीति का 9वीं और 10वीं फ्लोर पर डुप्लेक्स फ्लैट हैं. इसे प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने सील किया है.
इन फ्लैट्स में पीएनबी बैंक, एसबीआई बैंक और अन्य कई बैंकों के दर्जनों नोटिस चिपके हुए है. इतने ज्यादा नोटिस और समन हैं कि अब दरवाजे और दीवार पर और नोटिस चिपकाने की जगह नहीं बची है. सैंकड़ों की तादात में नोटिस, बैंक के कर्ज रिकवरी के कागजात, सीबीआई और ईडी के समन, कोर्ट के समन, बिजली का बिल, पानी का बिल और ऐसे कई कागजात जमीन पर फेंके बिखरे पड़े हैं…न इन्हें कोई देखने वाला है और न ही इनका कोई जवाब देने वाला है.
ईडी की याचिका सात साल से लंबित
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने जुलाई 2018 में मेहुल चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित करने के लिए दायर याचिका की थी, जो कि पिछले सात साल से मुंबई की एक अदालत में लंबित है. ईडी के एक अधिकारी ने बताया, हमारा आवेदन अदालत में 2018 से लंबित है. बार-बार सुनवाई स्थगित हो रही है. इस मामले में तत्काल फैसला लिया जाना चाहिए.
क्या कहता है एफईओ अधिनियम?
एफईओ अधिनियम के तहत किसी व्यक्ति को तब भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है जब वह 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक की आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता हो. साथ ही उसके खिलाफ वारंट जारी हो चुका हो और वो भारत छोड़कर फरार हो गया हो. अगर अदालत चोकसी को एफईओ घोषित कर देती है तो ईडी उसकी संपत्तियों को जब्त कर सकती है. मगर, जब तक मामला लटकता रहेगा, एजेंसी की कानूनी कार्रवाई भी आगे नहीं बढ़ पाएगी.
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