चंडीगढ़ : पंजाब की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा को एक टी.वी. इंटरव्यू देने के नतीजे द्वारा साइबर क्राइम के केस का सामना करना पड़ रहा है। मोहाली स्थित स्टेट साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करते उन्हें आज दोपहर 12 बजे पूछताछ के लिए तलब किया था पर वह हाजिर नहीं हो सके।
यह सारा मामला हलकों में गंभीर चर्चा का विषय बन गया है। प्रताप सिंह बाजवा ने नई भर्ती फौजदारी संहिता (BNS) की धारा 197 (1) (d) और 352 (2) तहत मामला दर्ज हुआ है। यह कार्रवाई उनके टी.वी. साक्षात्कार में दिए गए बयानों के संबंध में किया गया है। पुलिस ने उन्हें उनके घर बुलाया था, लेकिन वह उस समय वहां मौजूद नहीं थे। बाजवा के वकील आज मोहाली साइबर सेल कार्यालय पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बाजवा आज पेश नहीं हो सकते, इसलिए एक दिन ज्यादा दिया जाए। पुलिस ने भी यह मांग स्वीकार कर ली। वकीलों ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक कोई जमानत याचिका दायर नहीं की गई है।
कई वरिष्ठ नेता बाजवा के पक्ष में खड़े
मामला सामने आते ही कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, विधायक और सांसद बाजवा के समर्थन में खड़े हो गए हैं। उन्होंने इस कार्रवाई को तनाव और राजनीतिक बदले की भावना से उठाया गया कदम बताया है। पूर्व उप प्रमुख एम. एवं गुरदासपुर से एम.ए. पी. सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी सरकार पर तीखा हमला करते हुए पूछा कि अगर लॉरेंस बिश्नोई का जेल से लाइव इंटरव्यू हो सकता है तो क्या उस चैनल के एंकर या प्रबंधन से भी पूछताछ की गई? उनके प्रश्न सीधे तौर पर दोहरे मानदंडों की ओर इशारा करते हैं।
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