बिहार के दरभंगा से पर्यवेक्षण गृह में बाल कैदी की संदिग्ध मौत होने का मामला सामने आया है. उसके शरीर और चेहरे पर गहरे जख्म और चोट के निशान देखे गए. हालांकि उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया था. उसने पेट के दर्द की शिकायत की थी. इसलिए उसे इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसका चेकअप करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया.
दरअसल मृतक समस्तीपुर जिले के रोसड़ा थाना क्षेत्र के टेहटा गांव का रहने वाला था, जिसका नाम अमरजीत कुमार था. उसकी शुक्रवार की देर शाम मौत हो गई. जब पेट दर्द की शिकायत होने पर उसे डीएमसीएच ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे चेक करने के बाद मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही बेंता थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार और लहेरियासराय थानाध्यक्ष दीपक कुमार भी दलबल के साथ पहुंचे और जांच शुरू की.
अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम
अमरजीत पर आईपीसी की धारा 304 बी का आरोप था. पर्यवेक्षण गृह में उसकी उम्र 18 वर्ष दर्ज की गई थी. अमरजीत की गुरुवार की रात पर्यवेक्षण गृह में किसी वजह से अन्य बंदियों से लड़ाई हो गई थी. इस दौरान बाकी कैदियों ने उसकी पिटाई कर दी थी, जिसमें वह घायल हो गया था. तब भी उसे गुरुवार को देर रात DMCH ले जाया गया था और इलाज कराया गया था.
इसके साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि शुक्रवार की रात को भी उसके पेट में दर्द हुआ था और उसे अस्पताल ले जाया गया था, तब उसे इलाज के बाद वापस भेज दिया गया था, लेकिन इस बार उसने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया और अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.
चेहरे पर भी थे चोट के निशान
अब मृतक अमरजीत के चेहरे पर चोट के निशान देखने को मिले हैं. अब पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है कि आखिर अमरजीत की मौत कैसे हुई. पुलिस पर्यवेक्षण गृह में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं और उनकी जांच कर रही है. हालांकि, मामला पूरी तरह से संदिग्ध बताया जा रहा है. क्योंकि अभी तक अमरजीत की मौत की असल वजह सामने नहीं आई है.
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