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1100 साल पुराना वो चमत्कारी मंदिर, जहां हनुमान की मूर्ति से चोला हटते ही चौंधिया गई थीं सबकी आंखें, फिर खुला था ये राज…

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वैसे तो देश भर में बहुत से हनुमान जी के प्राचीन मंदिर विद्यमान है और इन सभी मंदिरों की अपनी एक कहानी, जिसकी चलते इन मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है. वहीं आज हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. हिंदू धर्म में हनुमान जी को 8 चिरंजीवियों में एक माना जाता है. कहते हैं कि वह अब भी धरती पर विद्यमान हैं और भक्तों का उद्धार करते हैं. इस बात को सार्थक करता हुए हनुमान जी के इस मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है. कहते हैं इस मंदिर में जैसे ही हनुमान जी की मूर्ति से चोला हटा, तो एक अद्भुत नजारा दिखाई दिया. जिसे देखकर सभी की आंखे ही चौंधिया गई.

कहां है यह मंदिर?

हनुमान जी का यह चमत्कारी मंदिर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तात्यापारा इलाके में स्थित है. इस मंदिर का नाम हैं दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर. यह मंदिर लगभग 1100 साल पुराना बताया जाता है.

यहां दिखा चौकाने वाला नजारा

छत्तीसगढ़ का दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर मराठा काल में स्थापित माना जाता है. और इसकी मूर्ति को सिर्फ 300 साल पुराना ही समझा जाता है. दरअसल, मूर्ति पर एक विशेष प्रकार का चोला चढ़ा हुआ था, जो वर्षों से उसमें लिपटा हुआ था. किसी कारणवश यह चोला धीरे-धीरे झड़ने लगा था. यह देखकर मंदिर समिति में यह फैसला लिया कि चोले को पूरी तरह से साफ साफ करके नया चढ़ाया जाएगा. जब यह कार्य शुरू हुआ, तो पूरा चोला एक साथ गिर गया, और उसके पीछे जो मूर्ति प्रकट हुई, उसने सभी को चौंका दिया. जिसके बाद मंदिर ट्रस्ट के लोगों ने पहली बार मूर्ति से सारा चोला हटवाया तब जाकर मूर्ति का नया स्वरूप सामने आया. सभी लोगों ने पहली बार मूर्ति का यह नया स्वरूप देखा था.

पहला दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर

इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां हनुमान जी की मूर्ति दक्षिण मुखी है, जिसे छत्तीसगढ़ का पहला दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां आकर मनोकामना करता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. यहां हर मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ होता है, वहीं शनिवार को भजन मंडली का आयोजन होता है. इसके अलावा रामनवमी, श्रावण मास, गीत रामायण, होली और महिला मंडलों के विशेष कार्यक्रम भी यहां आयोजित होते हैं. हनुमान जयंती के अवसर पर मंदिर में विशेष सजावट की जाती है और भव्य आयोजन के साथ प्रभु का जन्मोत्सव मनाया जाता है.

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