ग्वालियर: आरटीओ के पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा केस में ग्वालियर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। परिवहन विभाग की तरफ से सौरभ और उमा शर्मा के खिलाफ ग्वालियर के सिरोल थाना धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है।
सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा ने साल 2016 में परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति लेते समय शपथ पत्र में बड़े भाई सचिन शर्मा की छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी। पुलिस को दिए आवेदन के मुताबिक, सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) किरन कुमार को एक जनवरी 2025 को संयुक्त परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की ओर से एक पत्र मिला था। जिसमें सेवानिवृत परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति को लेकर दिए गए शपथ पत्र की जांच के निर्देश थे। सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) ने जांच की और सर्विस रिकॉर्ड मंगाया। सौरभ शर्मा ने शपथ पत्र में यह जिक्र नहीं किया कि उसका बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में है। सौरभ की नियुक्ति के लिए उसकी मां उमा शर्मा ने भी शपथ पत्र दिया था। जिसमें बड़े बेटे की सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी। जांच के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग में संपर्क किया गया और वेबसाइट से कर्मचारियों की सूची निकाली तो वहां सौरभ के बड़े भाई सचिन शर्मा के सड़क विकास निगम रायपुर में तैनात होने की पुष्टि हुई। जिससे शपथ पत्र झूठे होने का प्रमाण मिला है।
बता दें कि 27 दिसंबर 2024 की सुबह 5 बजे ईडी की टीम ने ग्वालियर के विनय नगर स्थित सौरभशर्मा के घर पर छापा मारा था। कार्रवाई के दौरान टीम ने अहम दस्तावेज जब्त किए थे, जिन्हें बैग में भरकर ले जाया गया था। ईडी को जानकारी मिली थी कि सौरभ शर्मा की मां ने हाल ही में हाईवे पर करोड़ों की जमीन बेची थी। टीम इस सौदे की सटीक राशि और लेन-देन की प्रक्रिया की जांच कर रही थी। इसके अलावा सिटी सेंटर में उमा शर्मा के नाम पर कई संपत्तियां मिली थीं। सारी प्रॉपर्टी में एक बिल्डिंग भी शामिल थी, जहां थंब, टीबीआर और हैश टैग पब संचालित होते हैं।
एएसपी हेडक्वार्टर निरंजन शर्मा ने बताया कि सिरोल थाना में आरोपी पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और उसकी मां के खिलाफ शपथ पत्र में तथ्य छुपाकर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है।
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