पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने विधानसभा में अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024 पेश किया. इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. विधेयक पेश होने के बाद सीएम ममता ने विधानसभा में कहा कि विधेयक का मकसद त्वरित जांच, त्वरित न्याय और दोषी की सजा बढ़ाना है. रेप मानवता के खिलाफ अभिशाप है. ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सामाजिक सुधारों की जरूरत है. सदन में ममता ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने उत्तर प्रदेश की रेप की घटनाओं का जिक्र करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा.
यूपी के उन्नाव और हाथरस कांड का सीएम ममता बनर्जी ने जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले काफी अधिक हैं. इन राज्यों की अपेक्षा पश्चिम बंगाल में पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल रहा है. बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, क्या होगा अगर मैं भी प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारे लगाऊं, जिनके लिए आप मेरे खिलाफ नारे लगा रहे हैं.
पीएम मोदी और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर लगाम लगाने और उनकी रक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू नहीं कर पाए, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भी इस्तीफे की मांग की.सीएम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में इस विधेयक के पारित होने के बाद हम पुलिस में विशेष अपराजिता टास्क फोर्स गठित करेंगे, जिससे रेप के मामलों में समय से जांच पूरी हो सके.
हमने केंद्रीय कानून की कमियों को दूर करने की कोशिश की
सीएम ममता बनर्जी ने ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024’ विधेयक को ऐतिहासिक बताया. साथ ही देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श भी करार दिया. उन्होंने कहा कि इस विधेयक से उनकी सरकार ने पीड़िता और उसके परिवार को त्वरित न्याय दिलाने के लिए केंद्रीय कानून की मौजूदा कमियों को दूर करने की कोशिश की है.
नई सरकार बनने के बाद हम इस पर चर्चा चाहते थे
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता पारित करने से पहले पश्चिम बंगाल से बात तक नहीं की. हम केंद्र में नई सरकार बनने के बाद इस पर चर्चा चाहते थे. विपक्ष से मेरा कहना कि वो राज्यपाल से कहे कि बिना किसी देरी के वो अपराजिता विधेयक पर हस्ताक्षर करें. सीएम ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ 9 अगस्त को हुई दरिंदगी और हत्या पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि हम सीबीआई से न्याय चाहते हैं. हम चाहते हैं कि दोषी को फांसी की सजा मिले.
अपराजिता विधेयक के खास प्रावधान
- रेप और हत्या करने वाले अपराधी के लिए फांसी की सजा
- आरोप पत्र दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान
- 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी
- अपराधी की मदद करने वाले को 5 साल की सजा
- हर जिले में स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स
- रेप, एसिड अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में टास्क फोर्स करेगी कार्रवाई
- रेप के साथ ही एसिड अटैक को भी उतनी ही गंभीर श्रेणी में रखा गया है. इसके लिए आजीवन कारावास की सजा
- पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को 3-5 साल की सजा
- रेप केस की जांच और सुनवाई में तेजी के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों में संशोधन
- सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक केस की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.