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पॉलीग्राफ टेस्ट, DNA जांच, संदीप घोष से 15 दिन पूछताछ… CBI क्यों नहीं सुलझा पा रही डॉक्टर रेप-मर्डर केस की मिस्ट्री

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नौ अगस्त की सुबह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्टिल में ट्रेनी डॉक्टर का सेमिनार हॉल में शव मिला था. कोलकाता पुलिस ने रेप-मर्डर के आरोप में सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को वारदात के दूसरे दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया. ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर मामले की न्याय की मांग को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हुआ. कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया तो सीबीआई जांच के आदेश दिये गये. वारदात के 5 दिनों के बाद से सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की.

सीबीआई जांच शुरू हुए 19 दिन बीत चुके हैं, लेकिन ट्रेनी डॉक्टर की मर्डर का रहस्य अभी तक रहस्य ही बना हुआ है. संजय रॉय के अतिरिक्त न किसी शख्स की कोई गिरफ्तारी हुई और न ही सीबीआई ने इस मामले की प्रगति को लेकर कोई बयान ही दिया है.

हालांकि इस मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से 16 अगस्त से लगातार पूछताछ हो रही है. कभी 10 घंटे, कभी 11 घंटे, कभी 12 घंटे सीबीआई ने संदीप घोष से पूछताछ की. संदीप घोष, आरोपी संजय रॉय सहित कुल 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया.

संदीप घोष सहित उनके करीबियों के 15 ठिकानों पर सीबीआई ने आरजी कर भ्रष्टाचार मामले में छापेमारी की. छापेमारी के बाद सीबीआई के अधिकारी ने कहा था कि बहुत कुछ मिला है, लेकिन छापेमारी के भी करीब एक हफ्ते बीत चुके हैं. अभी तक सीबीआई का कोई बयान नहीं आया. अब भ्रष्टाचार मामले की जांच ईडी ने भी शुरू की है और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की है.

संदीप घोष से 15 दिन तक पूछताछ

चाहे रेप केस हो या आरजी कर में भ्रष्टाचार का मामला संदीप घोष की भूमिका पर सवाल उठाया गया है. पहले मामले में, एक प्रशासक के रूप में घटना की जिम्मेदारी उन पर आई. दूसरे मामले में उन पर सीधे आरोप हैं. संदीप घोष के पूर्व सहयोगी और आरजी कर के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने अदालत को बताया कि संदीप घोष मेडिकल ऑर्गेनिक कचरा भ्रष्टाचार, सरकारी धन का गबन, विक्रेताओं के चयन में भाई-भतीजावाद, कानून तोड़कर ठेकेदारों की नियुक्ति के अलावा कई वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं. सीबीआई उनसे 15 दिनों तक हर दिन पूछताछ की.

सीबीआई जांच के 19 दिन हुए पूरे

उधर, डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की जांच सीबीआई को सौंपे हुए रविवार को 19 दिन हो गए हैं. 13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की डिवीजन बेंच ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया. 14 अगस्त को सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की. दिल्ली से एक विशेष टीम ने कोलकाता जाकर जांच शुरू की.

9 दिन बीत जाने के बावजूद भी सीबीआई ने मामले की जांच के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ भी घोषित नहीं किया है. जांचकर्ताओं ने मामले से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की है. लेकिन इन 19 दिनों में सीबीआई ने किसी नये को गिरफ्तार नहीं किया है. गिरफ्तार सिविक वालंटियर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी.

संजय रॉय सहित 10 का हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट

फिलहाल, संजय रॉय अदालत के आदेश पर प्रेसीडेंसी जेलहिरासत में है. वहां उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ. जांचकर्ताओं द्वारा कुल 10 लोगों का परीक्षण किया गया, लेकिन सीबीआई यह नहीं बताया कि पॉलीग्राफ़ टेस्ट से उन्हें क्या पता चला. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहल पर मामले की सुनवाई की.

मामले में जांच की प्रगति पर सीबीआई से ‘स्टेटस रिपोर्ट’ मांगी. सीबीआई ने वह रिपोर्ट भी लिफाफे में जमा कर दी है. लेकिन इसमें क्या है, इसका खुलासा होना अभी बाकी है.

जानें कहां अटका है मामला

सीबीआी जांच के 19 दिन हो गये हैं, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ हेै. सीबीआई केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा उपलब्ध कराई गई डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अंतिम निर्णय लेने के लिए तैयार नहीं है.

13 अगस्त को सीएफएसएल कोलकाता में कलकत्ता पुलिस द्वारा डीएनए रिपोर्ट के लिए नमूना प्रस्तुत किया गया. नमूनों में मृतका के प्राइवेट पार्ट से बरामद नमूने, नाखूनों से त्वचा और बालों के नमूने, घटनास्थल पर पाए गए बालों के नमूने शामिल हैं. साथ ही मृतका के कपड़े, कंबल, चादरें नमूने के तौर पर जमा कर लिए गए.

सीएफएसएल रिपोर्ट पर घमासान

मुख्य आरोपी संजय रॉय के खून के नमूने, उस रात पहने गए उसके कपड़े नमूने के तौर पर जमा किए गए. कोलकाता पुलिस की ओर से अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर के एक अधिकारी द्वारा अनुरोध पत्र दिया गया था. सीएफएसएल अथॉरिटी ने शुरुआत में रिपोर्ट तैयार करने के लिए 10 दिन का समय मांगा.

लेकिन कोलकाता पुलिस के अनुरोध पर सीएफएसएल 6 दिन में रिपोर्ट देने को तैयार हो गई, लेकिन कोर्ट के आदेश पर जैसे ही सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभाला, उसी दिन उलझनें पैदा हो गईं कि सीएफएसएल कौन सी जांच एजेंसी रिपोर्ट सौंपेगी, चूंकि कोलकाता पुलिस ने जांच नहीं कर रही है, इसलिए उन्होंने सीएफएसएल से संपर्क नहीं किया, इसलिए रिपोर्ट सीएफएसएल अधिकारियों के पास ही रह गई.

आखिरकार 26 अगस्त को कोर्ट की अनुमति से सीबीआई ने डीएनए रिपोर्ट इकट्ठा की. सीबीआई इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती थी. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभालने के बाद कुछ सैंपल सीएफएसएल को भी सौंपे थे. उस नमूने की रिपोर्ट अभी तक तैयार नहीं की गई है.

एम्स से सीएफएसएल रिपोर्ट की होगी जांच

सूत्रों के अनुसार कोलकाता पुलिस द्वारा प्रस्तुत नमूनों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय का डीएनए मृतका के प्राइवेट पार्ट से मिले स्वैब से मेल खाता है. संजय रॉय के शरीर पर लगी चोटों से लिए गए सैंपल का मिलान मृतका के नाखूनों से मिले सैंपल से किया गया. मौका-ए-वारदात पर मिले बालों से मैच संजय के डीएनए से कराया गया. मृतका के लार के नमूने में भी संजय का डीएनए पाया गया. सीएफएसएल रिपोर्ट में किसी दूसरे व्यक्ति के अस्तित्व का जिक्र नहीं है.

सीएफएसएलकी इस रिपोर्ट को समीक्षा के लिए एम्स विशेषज्ञों के पास भेजा गया है.सूत्रों के मुताबिक, जब तक सीबीआई द्वारा भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक सीबीआई कोई भी फैसला लेने को तैयार नहीं है.

5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई

सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद परिस्थितिजन्य साक्ष्यों का मिलान करने के बाद सीबीआई आगे की कार्रवाई करेगी. 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले सीबीआई को रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है. उसके बाद इस रहस्य के सिरे का संकेत मिल सकेगा. अब यह देखना अहम होगा कि पांच सितंबर को सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में क्या रिपोर्ट सौंपती है.

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