कोलकाता रेप मर्डर केस के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल के बीच मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा को लेकर बुधवार को केंद्रीय गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में निर्देश दिए गए कि अस्पतालों की सिक्योरिटी बढ़ाई जाए और थाना चौकी बनाए जाएं.
बैठक में सबसे पहले राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी ने अपने-अपने राज्यों में अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी. इसमें बताया गया कि सरकारी प्राइवेट अस्पतालों के अलावा मेडिकल कॉलेज और हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट में doctors, नर्स हेल्थकेयर वर्कर्स की सुरक्षा बढ़ाई जाए. मीटिंग में बताया गया कि देश के 26 राज्यों में सुरक्षा के प्रबंध ठीक हैं, लेकिन बाकी जगह काम करना है.
सिक्योरिटी ऑफीसर्स की संख्या बढाएं
बैठक में निर्णय लिया गया कि भारतीय न्याय संहिता में दिए गए प्रावधानों के बारे में डॉक्टरों को बेहतर तरीके से बताया जाए. इसके अलावा मेडिकल कालेजों में सिक्योरिटी ऑफीसर्स की संख्या बढ़ाई जाए. अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में जो भी आउटसोर्सिंग स्टाफ रखे गए हैं उनकी पुलिस वेरिफिकेशन कराई जाए. इसके अलावा जिला स्तर के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल का सिक्योरिटी ऑडिट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और एसपी के द्वारा तत्काल कराया जाए.
अस्पतालों में बनवाएं पुलिस चौकी
बैठक में निर्देश दिए गए कि अस्पतालों में पुलिस चौकी और पुलिस थाना स्थापित करने का प्रावधान करें. इसके अलावा नाइट पेट्रोलिंग भी बढ़ाई जाए. अस्पतालों में सीसीटीवी नेटवर्क की भी समीक्षा हो. अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए. इसके अलावा खाली पड़ी जगहों की सुरक्षा समीक्षा एक निश्चित समय के अंतराल पर किया जाए. -अस्पतालों के अंदर व्हीलचेयर, स्ट्रैचर्स की संख्या बढ़ाई जाए जिससे कि तीमारदारों पर निर्भर ना होना पड़े और उनकी संख्या कम की जा सके. रात के वक्त रेगुलर सिक्योरिटी पेट्रोलिंग भी की जाए.
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