भोपाल। विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में भी मिली करारी हार के कारण जानने पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की अध्यक्षता में तीन समिति भेजी है। इसने शनिवार को प्रदेश कार्यालय में प्रत्याशियों के साथ अलग-अलग बैठक की। इसमें अधिकतर ने चुनाव में हार का कारण ईवीएम, लाड़ली बहनाओं के खातों में मतदान के पहले राशि जमा करने, पुलिस और प्रशासन के भाजपा का एजेंट बनकर काम करने के साथ पदाधिकारियों के पूरी तरह काम न करने को बताया। रविवार को समिति पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करके रिपोर्ट तैयार करेगी।
चुनाव में हार के कारण जानने के लिए समिति के सदस्य शुक्रवार रात को भोपाल पहुंचे थे। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठक हुई। इसमें राजगढ़ से प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और छिंदवाड़ा से प्रत्याशी नकुल नाथ नहीं पहुंचे। दोनों ने इसकी सूचना संगठन को पहले ही दे दी थी।
काल सेंटर और अधिकारियों-कर्मचारियों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि यदि भाजपा को वोट नहीं मिला तो योजनाएं बंद हो जाएंगी। जो लाभ अभी मिल रहा है, वह बंद हो जाएगा। सीधी से पार्टी के प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल ने कहा कि समिति चुनाव के हर बिंदु पर जानकारी लेगी। इसके बाद रिपोर्ट केंद्रीय संगठन को सौंपी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार कुछ प्रत्याशियों ने भितरघात को लेकर भी शिकायत की है। साथ ही यह भी बताया कि लाड़ली बहना योजना और राम मंदिर निर्माण का बड़ा मुद्दा था, जिसने अंदर ही अंदर खूब काम किया। बैठक के प्रारंभ में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने समिति के सदस्यों का स्वागत किया और फिर वे चले गए। समिति के अध्यक्ष पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हार के कारणों की सभी पहलूओं पर पड़ताल होगी। प्रत्याशियों से जानकारी लेने के साथ वरिष्ठ नेताओं से भी फीडबैक लिया जाएगा। इसके बाद समिति रिपोर्ट तैयार करके केंद्रीय संगठन को देगी।
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