Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

हार का असर या वास्तव में परिपक्व हुए आकाश आनंद? डेढ़ महीने में कैसे बदले मायावती के सुर

7

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने रविवार को एक बड़ा फैसला लिया है. बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का दोबारा से राष्ट्रीय संयोजक बनाया है. साथ ही साथ उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी घोषित किया. इस बार आकाश आनंद को मायावती ने और ज्यादा मजबूत किया है. पिछली बार उन्हें उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी सभी राज्यों की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन इस बार पूरे देश की कमान सौंपी है. बसपा सुप्रीमो ने ये फैसला लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के दौरान लिया है और इसकी घोषणा की है.

मायावती ने इसी साल 7 मई को आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक के पद से हटाकर सभी अधिकार छीन लिए थे. अपने फैसले की घोषणा मायावती ने एक्स (ट्विटर) पर की थी, जिसमें उन्होंने आकाश को राजनीति में अपरिपक्व करार दिया था. साथ ही साथ कहा था कि पूर्ण परिपक्वता आने तक वे इन जिम्मेदारियों से अलग रहेंगे. अब सवाल उठ रहा है कि क्या आकाश आनंद मात्र 47 दिन में ही राजनीतिक रूप से परिपक्व हो गए हैं या फिर मायावती ने हार के बाद सबक लिया है?

मायावती ने क्या कहकर छीन लिए थे अधिकार?

बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर लिखा था, ‘आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है, जबकि इनके पिता आनंद कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे. अत बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेंट के हित में एवं बाबा साहेब डॉ आंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है.’

इस ट्वीट के बाद कहा जाने लगा कि मायावती लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद के आक्रामक भाषणों को लेकर नाराज थीं, जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया. आक्रामक भाषण के चलते ही आकाश पर केस दर्ज हो गया था. साथ ही साथ आकाश के चुनाव प्रचार कार्यक्रम रद्द कर दिए गए. लोकसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद कहा जाने लगा कि आकाश से जिम्मेदारी वापस लेने की वजह से ही पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा क्योंकि उनकी युवाओं के बीच अच्छी खासी लोकप्रियता है.

मायावती ने परिपक्वता पर दिया ये तर्क

मायावती ने बैठक में कहा, ‘आकाश आनंद को पूरी परिपक्वता के साथ पार्टी में कार्य करने के लिए फिर से मौका दिया है. यह पूर्व की तरह ही पार्टी में अपने सभी पदों पर बने रहेंगे. यह पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के साथ-साथ एकमात्र उत्तराधिकारी भी बने रहेंगे. इनके बारे में मुझे पूरी उम्मीद है कि अब वह अपनी पार्टी व मूवमेंट के हित में हर स्तर पर पूरे तौर से एक परिपक्व नेता के रूप में जरूर उभरेंगे. पार्टी के लोग भी अब इनको पहले से ज्यादा आदर-सम्मान देकर हौसला जरूर बढ़ाएंगे, ताकि अब वह आगे मेरी सभी उम्मीदों पर पूरी तौर पर खरा उतर सकें.’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.