उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एम्स थाना क्षेत्र में विनोद वन है. यहां पर लोग वन्यजीवों को देखने व घूमने के लिए आते हैं. गुरुवार को एक युवक अपनी महिला दोस्त के साथ घूमने आया था. इस दौरान नकली पुलिस बन कुछ अपराधियों ने उसके साथ लूटपाट की. दोनों को अपराधियों ने पकड़ लिया और 5000 रुपये निकाल लिए. साथ ही यूपीआई के जरिए खाते से 4500 रुपए भी ट्रांसफर करवा लिया. पीड़ित को पहले तो लगा कि वे असली पुलिस हैं, लेकिन उनकी हरकतों से शक हो गया. इसके बाद स्थानीय थाने में शिकायत कर दी. शिकायत के बाद पुलिस ने पता लगाया तो अपराधियों के गांव पहुंची. वहां पुलिस की टीम पर अपराधियों ने हमला बोल दिया. बावजूद दो हिस्ट्रीशीटर समेत चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही 18 नामजद समेत कुल 43 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुशीनगर के हाटा बाजार क्षेत्र के रहने वाला युवक गुरुवार को अपनी महिला दोस्त के साथ कुसम्ही जंगल स्थित विनोद वन में घूमने आया था. इस दौरान बाइक पर सवाल तीन लोग उनके पास पहुंचे और खुद को पुलिस बताते हुए उनसे पूछना शुरू कर दिए. दबाव बनाते हुए कहा कि तुम लोग यहां पर गलत काम करने आए हो और यहां का माहौल खराब कर रहे हो, तुरंत 50000 रुपये दो, नहीं तो तुम दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा. युवक व उसकी महिला दोस्त ने अपने आप को छोड़ने के लिए कहा, लेकिन यह लोग पुलिस का फर्जी आई कार्ड दिखाने लगे.
अपराधियों ने युवक की तलाशी लेकर उसके पास रखें 5000 रुपये पॉकेट से निकाल लिए. उसका अकाउंट चेक कर यूपीआई के जरिए 4500 रुपए अपने खाते में भी ट्रांसफर करवा लिया. परेशान युगल एम्स पुलिस थाने पहुंचकर मामले की जानकारी दी, तो असली पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंच गई. इस दौरान देवरिया के रामनाथ कॉलोनी निवासी रजनीश त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया. बाकी लोग फरार हो चुके थे. उससे पूछताछ करने पर पता चला कि गिरोह का सरगना रजही निवासी दयाशंकर उर्फ देवेंद्र निषाद और कुसम्ही का अभिषेक राजभर हैं. उनकी लोकेशन रजही गांव पर मिलने पर पुलिस दबिश देने के लिए पहुंची.
गांववालों ने पुलिस टीम को घेरा
एम्स थानाध्यक्ष संजय सिंह अपने सहयोगियों के साथ जैसे ही गांव में पहुंचे दोनों हिस्ट्रीशीटर बाइक से भागने लगे. पुलिस ने घेराबंदी की जिससे वे असन्तुलित होकर गिर गए. इसी बीच दोनों ने शोर मचाना शुरू कर दिया कि पुलिस जबरिया मुझे पकड़ कर ले जा रही है. इस दौरान उनकी आवाज सुनकर उनके परिजनों समेत गांव के कुल 50 की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष हाथ में लाठी, डंडा, कुल्हाड़ी आदि लेकर पुलिस टीम को घेर लिया. इस दौरान दोनों हिस्ट्रीशीटर पुलिस से अपना हाथ छुड़ाने लगे, ताकि भाग जाएं. इसी क्रम में दयाशंकर ने दरोगा अखिलेश अरुण पर चाकू से हमला कर दिया, लेकिन वह बाल बाल बच गए. अभिषेक ने भी भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने साहस का परिचय देते हुए हमलावर भीड़ को पीछे धकेला और दोनों हिस्ट्रीशीटरों के अलावा दयाशंकर के बेटे राजवीर और रजहीके सक्षम समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने दर्ज किया केस
इस संबंध में सीओ कैंट अंशिका वर्मा ने बताया कि गिरोह के सरगना दयाशंकर व उसका साथी अभिषेक राजभर दोनों खोराबार थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं. दयाशंकर ने पुलिस उपनिरीक्षक का फर्जी आई कार्ड राजवीर सिंह के नाम से बनवाया हुआ था. इस पर उसकी फोटो लगी थी. कार्ड पर उसका पता बलिया जनपद के थाना नरही ग्राम उजियार लिखा हुआ है, जिसमें उसकी जन्मतिथि का वर्ष 1985 लिखा है. यह लोग ऐसे ही घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. चार गिरफ्तार अभियुक्तों के साथ ही कल 45 ज्ञात व अज्ञात के खिलाफ हत्या की कोशिश, सरकारी कार्य में बांधा, बलवा, मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर दी गई है. शीघ्र ही सभी की गिरफ्तारी कर ली जाएगी.
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