रूस में सेंट पीटर्सबर्ग में वोल्खोव नदी में भारत के चार मेडिकल छात्र की डूबने से मौत हो गई है. यह नदी पीटर्सबर्ग के नजदीक में बहती है. घटना के वक्त नदी में तेज बहाव था. चारों छात्र महाराष्ट्र के रहने वाले थे. घटना में जान गंवाने वाले छात्रों की पहचान हर्षल अनंतराव देसाले, जीशान अशपाक पिंजरी, जिया फिरोज पिंजरी और मलिक गुलाम गौस मोहम्मद याकूब के रूप में हुई है. ये सभी छात्र वेलिकी नोवगोरोद शहर में यारोस्लाव-द-वाइज नोवगोरोद स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि घटना में निशा भूपेश सोनवणे नाम की छात्रा को बचा लिया गया है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने छात्रों के डूबने की इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि यारोस्लाव-द-वाइज नोवगोरोद स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे 4 भारतीय छात्र एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में वोल्खोव नदी में डूब गए. नदी से अब तक दो छात्रों के शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि दो की तलाश जारी है. जीशान और जिया भाई बहन थे.
दोस्त को बचाने के लिए नदी में उतरे थे
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिन चार छात्रों की मौत हुई है वो अपने दोस्त को बचाने के लिए नदी में उतरे थे, लेकिन वो खुद ही डूब गए. जान गंवाने वाले छात्रों की उम्र 18 से 20 साल के आसपास थी. जीशान और जिया महाराष्ट्र के जलगांव जिले के अमलनेर के रहने वाले थे जबकि हर्षल इसी जिले के भदगांव का रहने वाला था. घटना को लेकर जलगांव के जिलाधिकारी आयुष प्रसाद ने कहा कि छात्रों के शवों को भारत लाने का बंदोबस्त किया जा रहा है.
शवों को परिजनों तक पहुंचाने में जुटा दूतावास
घटना पर मास्को में भारतीय दूतावास का बयान भी सामने आया है. दूतावास ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि हम शवों को जल्द से जल्द परिजनों तक पहुंचाने का प्रयास कर हे हैं. जिस छात्रा की जान बचाई गई है उसका उचित इलाज किया जा रहा है. शोक-संतप्त परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं. शव को जल्द से जल्द परिजनों तक पहुंचाने के लिए हम स्थानीय अधिकारियों से संपर्क में हैं.
परिवार के साथ वीडियो कॉल पर था जीशान
वहीं, घटना में जान गंवाने वाले जीशान के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि जब वे वोल्खोव नदी में घुसे तो जीशान अपने परिजनों के साथ वीडियो कॉल पर था. इस दौरान उसके पिता और घरवाले उससे बार-बार नदी से बाहर निकलने को कह रहे थे, इस बीच एक जोरदार लहर आई और वे गहरे पानी में चले गए.
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि छात्र शाम को पढ़ाई के बाद खाली समय में वोल्खोव नदी के किनारे टहल रहे थे. यह हादसा आकस्मिक और अप्रत्याशित था. घटना में निशा भूपेश सोनवणे की जान बच गई है. अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.