Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

‘लावारिसों का वारिस’ है UP का ये युवक… करा चुका है 1650 शवों का अंतिम संस्कार

9

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के कुंवर वीरेंद्र सिंह लावारिस लाशों का ‘वारिस’ कहलाते हैं. यह उन शवों का अंतिम संस्कार कराते हैं जिनका कोई नहीं होता. समाज सेवा का जुनून लिए वीरेंद्र सिंह अब तक 1650 अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं. उनके इस काम से उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश की कई महत्वपूर्ण हस्तियों ने सम्मानित भी किया है.

गाजीपुर के कचहरी इलाके के रहने वाले कुंवर वीरेंद्र सिंह को लोग कुश के नाम से भी जानते हैं. कुश अपनी मां से बहुत ही प्यार करते थे, लेकिन कैंसर की वजह से मां की मौत हो जाने के बाद वह टूट गए. मां के जाने की तड़प ने वीरेंद्र को उन अज्ञात शवों का मसीहा बना दिया जो अपनों के न होने की वजह से अंतिम संस्कार के लिए तरसते हैं.

नाले में मिले अज्ञात शव से हुई शुरुआत

वीरेंद्र बताते हैं कि मां के जाने के बाद वह एक दम अकेले से हो गए. इसी बीच उन्हें जिला अधिकारी आवास के बगल में बहने वाले नाले में एक अज्ञात शव फेंका हुआ मिला. इस शव को पोस्टमार्टम हो जाने के बाद जिला प्रशासन के द्वारा अंतिम संस्कार के लिए किसी रिक्शे वाले को दे दिया गया था. इसके अंतिम संस्कार के लिए रिक्शे वाले को बदले में कोई पैसा नहीं दिया गया, जिससे उसने रात के अंधेरे में शव को नाले में फेंक दिया. वीरेंद्र ने इस शव का अंतिम संस्कार करने की ठानी. उन्होंने प्रशासन से रिक्वेस्ट कर उसका अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई. परमीशन मिलने पर उन्होंने शव का अंतिम संस्कार कराया.

1650 शवों का कराया अंतिम संस्कार

इसके बाद उनका यह कारवां चलता गया और अब तक करीब 1650 लावारिस शवों का पूरे हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया जा चुका है. वह सभी शवों का श्मशान घाट पर रजिस्ट्रेशन कराते हैं. वीरेंद्र अपने सहयोगियों और थाने से आए हुए पुलिसकर्मियों के सहयोग से अंतिम संस्कार करते चले आ रहे हैं. कुंवर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इसी सप्ताह उन्होंने करीब आठ शवों का अंतिम संस्कार किया हैं.

एक दिन पहले कराया नहर में मिली अज्ञात लाश का अंतिम संस्कार

एक दिन पूर्व थाना गहमर के चौकी देवल के अंतर्गत एक व्यक्ति का शव कर्मनाशा नदी में मिला था, जिसकी शिनाख्त नहीं होने पर मृतक अज्ञात व्यक्ति के शव को कांस्टेबल शिवकुमार पाल के सहयोग से मर्चरी में रखवा कर शिनाख्त कराने का प्रयास किया. लेकिन 72 घंटे के बाद उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी. उस शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाकर पोस्टमार्टम करने के बाद शमशान घाट पर हिंदू रीति रिवाज से उसका दाह संस्कार किया गया.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.