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वृषभ संक्रांति पर इस मुहूर्त में करें स्नान-दान, जानें पूजा विधि और महत्व

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हिन्दू धर्म में हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है. इस वर्ष 14 मई को गंगा सप्तमी है. इसी दिन आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तित करेंगे. मौजूदा समय में सूर्य देव मेष राशि में विराजमान हैं और 14 मई को वृषभ राशि में गोचर करेंगे. सूर्य के राशि परिवर्तन से राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव के अनुसार प्रभाव पड़ेगा. ज्योतिषियों की मानें तो वृषभ संक्रांति पर वृद्धि योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं. इन योग में स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है.

इस साल वृषभ संक्रांति सर्वार्थ सिद्धि योग और अश्लेषा नक्षत्र में है. उस दिन सुबह में रवि योग और पुष्य नक्षत्र है. ग्रहों के राजा सूर्य देव जिस समय वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, उस क्षण सूर्य की वृषभ संक्रांति होगी. वृषभ संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान देने का विधान है. स्नान के बाद भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस दिन सूर्य देव से जुड़ी वस्तुओं का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

शुभ मुहूर्त

इस साल की वृषभ संक्रांति 14 मई दिन मंगलवार को है. सूर्य देव शुक्र के राशि वृषभ में शाम 06 बजकर 04 मिनट पर प्रवेश करेंगे. उस समय सूर्य की वृषभ संक्रांति का क्षण होगा. 14 मई को वृषभ संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल 7 घंटे 14 मिनट तक है. महा पुण्यकाल का प्रारंभ सुबह 10 बजकर 50 मिनट से होगा और यह शाम 06 बजकर 04 मिनट तक रहेगा. वृषभ संक्रांति का महा पुण्यकाल 2 घंटे 16 मिनट का है. उस दिन महा पुण्यकाल दोपहर में 03 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगा और यह शाम को 06 बजकर 04 मिनट तक रहेगा.

ऐसे करें सूर्य देव की पूजा

  • वृषभ संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत हो जाएं.
  • फिर तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन और लाल फूल डाल लें. सूर्य देव को स्मरण करते हुए उस जल से अर्घ्य दें.
  • इस दौरान सूर्य मंत्र का जाप करें. फिर सूर्य चालीसा और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
  • अंत में घी के दीपक या कपूर से सूर्य देव की आरती करें.
  • इस प्रकार से पूजा पाठ करके सूर्य देव से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
  • दान करें ये चीजें

वृषभ संक्रांति के दिन आप स्नान और दान महा-पुण्यकाल में कर सकते हैं. इसके लिए यह समय सबसे अच्छा माना जाता है. वृषभ संक्रांति वाले दिन स्नान करने के बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान कर सकते हैं. वृषभ संक्रांति पर आप गेहूं, लाल वस्त्र, लाल फूल, गुड़, घी, तांबे के बर्तन आदि का दान कर सकते हैं.

वृषभ संक्रांति का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संक्रांति तिथि के दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही इस विशेष दिन पर सूर्य देव की उपासना का भी विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र स्नान और सूर्य देव को जल प्रदान करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती है और धन-ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. वृषभ संक्रांति के दिन गौदान को भी बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुल जाता है.

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