बीते कुछ महीने से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2047 तक भारत के विकसित होने की बात कर रहे हैं. इस टारगेट पर देश 2047 तक पहुंच भी जाएगा. इस बात में कोई शक भी नहीं है. अगले दो साल में देश की इकोनॉमी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगी. इस अचीवमेंट को भी भारत आसानी से हासिल कर लेगा.
लेकिन क्या कभी पाकिस्तान दुनिया की टॉप 10 इकोनॉमी में शामिल हो सकेगा? क्या चीन कभी दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी बन पाएगा? क्या एशिया के ये तीनों देश दुनिया की इकोनॉमी पर राज कर सकेंगे? ये तीनों ही सवाल काफी बड़े हैं.
ऐसा नहीं है कि ये संभव नहीं हो सकेगा. दुनिया की बड़ी इंवेस्टमेंट फर्म गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि चीन दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा और दूसरे नंबर पर भारत का नाम होगा. साथ ही पाकिस्तान टॉप 10 इकोनॉमी में दिखाई देगा.
दूसरी ओर कभी आधी से ज्यादा दुनिया पर राज करने वाला यूके और एशिया की दूसरी सबसे बड़ी महाशक्ति जापान का नाम टॉप 10 से बाहर होता दिखाई देगा. वहीं यूरोप का बस एक ही देश जर्मनी टॉप 10 की लिस्ट में दिखाई देगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर गोल्डमैन की इस रिपोर्ट में किस तरह की जानकारी दी गई है.
50 साल के बाद होगा कुछ ऐसा सीन
गोल्डमैन शैस ने जो अनुमान लगाया है, वो अगले 50 साल बाद यानी साल 2075 का लगाया है. उस समय दुनिया की इकोनॉमी सीन पूरी तरह से बदला हुआ दिखाई देगा. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमिक ताकत नहीं रहेगा. दूसरी ओर यूरोप का दबदबा दुनिया की इकोनॉमिक कंडीशन से पूरी तरह से खत्म हो चुका होगा.
यूके और जापान जैसे देश टॉप 10 इकोनॉमी लिस्ट से बाहर हो चुके होंगे. सबसे खास बात तो ये है कि टॉप की 10 लिस्ट में एशिया का दबदबा होगा. जिसमें चीन के साथ भारत, पाकिस्तान और इंडोनेशिया होगा.
मौजूदा दौर में यूके, फ्रांस, जर्मनी और रूस जैसे देश दुनिया की टॉप 10 इकोनॉमी में शामिल है. लेकिन ये तमाम देश जिस मंदी के संकेट से गुजर रहे हैं. ये किसी से छिपा नहीं है. जर्मनी में तो घोषित मंदी का ऐलान हुआ है.
दूसरी ओर जापान ने सालों के बाद देश की इकोनॉमी को उठाने के लिए पॉलिसी रेट में इजाफा किया है. ऐसे अगले 25 और 50 सालों में इन देशों की इकोनॉमी में इजाफा तो होगा, लेकिन ग्रोथ इतनी ज्यादा नहीं होगी. जो अपनी मौजूदा पॉजिशन को होल्ड करके रख सके.
चीन और भारत का होगा दबदबा
गोल्डमैन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की इकोनॉमी अगले साल में काफी तेजी से बढ़ने वाली है. उसकी पोजिशन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगी. इसका मतलब ये है नहीं है कि वो चीन को पछाड़ने वाला है. भारत साल 2075 में अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा.
साल 2050 तक चीन दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा. भले ही मौजूदा दौर में उसकी ग्रोथ भले ही 5 फीसदी से नीचे ही क्यों ना हो. उसके अगले 25 साल तक भारत और चीन दोनों ही ग्रोथ और जीडीपी के मामले में दुनिया के तमाम देशों को पीछे छोड़ते हुए दिखाई देंगे.
जानकारों का मानना है कि ये पूरी शताब्दी एशिया के नाम रहने वाली है. आने वाले 50 साल भारत के नाम रहने वाले हैं. क्योंकि तब तक देश की जीडीपी 52.5 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है. जोकि अमेरिका की जीडीपी 51.5 ट्रिनियन डॉलर से ज्यादा होगी और चीन की जीडीपी 57 ट्रिलियन डॉलर से कम का अनुमान है.
पाकिस्तान का चौंकाने वाला नाम
गोल्डमैन की रिपोर्ट के अनुसार इस लिस्ट में पाकिस्तान का भी नाम है. साल 2075 तक पाकिस्तान दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी होने जा रहा है. जबकि एक दिन पहले एशियन डेवलपमेंट बैंक ने पाकिस्तान की ग्रोथ रेट वित्त वर्ष 2023-24 (30 जून 2024 को समाप्त) को 1.9 फीसदी का अनुमान लगाया है.
वहीं वित्त वर्ष 2024-25 पाकिस्तान की ग्रोथ 2.9 फीसदी रह सकती है. मौजूदा दौर में पाकिस्तान की इकोनॉमी काफी खराब स्थिति में है. देश कर्ज में है और महंगाई 25 फीसदी है. पाकिस्तान लगातार चीन, मिडिल ईस्ट और अमेरिका के साथ हाथ फैलाए दिखाई देता है.
आईएमएफ से लगातार स्पेशल पैकेज की डिमांड लगातार कर रहा है. फॉरेक्स रिजर्व ना के बराबर है और बिजली और फ्यूल संकट काफी बढ़ चुका है. उसके बाद भी साल 2075 तक देश की जीडीपी 12.3 ट्रिलियन डॉलर का अनुमान लगाया गया है.
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