Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

‘भले ही कोई कीमत चुकानी पड़े, आपकी सेवा करता रहूंगा’, पीलीभीत की जनता को वरुण गांधी का पत्र

9

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता वरुण गांधी ने गुरुवार को पीलीभीत की जनता को पत्र लिखा है. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए पत्र में लिखा, भले ही कोई कीमत चुकानी पड़े, आपकी सेवा करता रहूंगा. बीजेपी ने इस बार पीलीभीत से वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया है. पार्टी ने उनकी जगह जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. पीलीभीत में पहले चरण के तहत वोटिंग होगी. यहां पर 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. बुधवार को नामांकन का आखिरी दिन था. ये प्रक्रिया खत्म होने के बाद ये भी साफ हो गया कि वरुण गांंधी पीलीभीत से निर्दलीय भी चुनाव नहीं लड़ेंगे. दरअसल, बीजेपी से टिकट कटने के बाद वरुण गांधी को लेकर कई तरह के कयास चल रहे थे.

भावुक हुए वरुण गांधी

वरुण गांधी ने पत्र की शुरुआत बड़े ही भावुक तरीके से की. उन्होंने लिखा, ‘आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं, तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है. मुझे वो 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उंगली पकड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे.’

उन्होंने आगे लिखा , ‘मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे सालों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला. महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सहृदयता का बहुत बड़ा योगदान है.’

‘पीलीभीत का प्रतिनिधित्व करना बड़ा सम्मान’

पीलीभीत से सांसद रहने को वरुण गांधी ने खुदके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया है. उन्होंने कहा, ‘आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई है. एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता.’

उन्होंने आगे कहा कि सांसद के रूप में नहीं, तो बेटे के तौर पर सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं और मेरे दरवाजे आपके लिये हमेशा पहले जैसे ही खुले रहेंगे. मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूं कि सदैव यह कार्य करता रहूं, भले ही उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े.

‘राजनीतिक पद से उपर पीलीभीत से रिश्ता’

वरुण गांधी ने इस बार पीलीभीत से टिकट न मिलने पर लोगों से कहा, मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है, जो किसी राजनीतिक गुणा- भाग से बहुत ऊपर है. मैं आपका था. हूं और रहूंगा.

2009 और 2017 में किया पीलीभीत का प्रतिनिधित्व

वरुण गांधी ने पहली बार पीलीभीत से साल 2009 में चुनाव लड़ा था. इससे पहले वे इस सीट पर अपनी मां मेनका गांधी के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभालते थे. साल 2014 में उनको BJP ने सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया लेकिन 2019 के चुनाव में वu फिर पिलीभीत वापस आए और MP बने. इस बार भी वे इसी सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी आलाकामान ने उनका टिकट काटkj जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.