कटंगी। गर्मी शुरू होते ही वन्य जीव पानी की तलाश में खेतों व गांवों में घुसने लगे हैं। ऐसे में वन्य जीव नागरिकों पर हमला कर रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर वन्य जीवों के हमले से सात लोग घायल हो गए। जिसमें जंगली सूअर से चार और भालू से तीन लोग शामिल हैं। दरअसल, जंगल में मिश्रित वन होने की बजाए अधिकतर सागौन वाले प्लांटेशन होने के चलते उसके नीचे घास व कंदमूल नहीं उग पाते हैं।
इससे वहां पर घास सूखने लगी है, पानी की भी कमी होने लगी है। जिसके कारण वन्य जीव पानी की तलाश में जंगल से बाहर निकल जाते हैं। इधर, तमाम ग्रामीण महुआ बीनने के लिए सुबह से जंगल व खेतों में पहुंच जाते हैं। जिसके चलते उन पर वन्य जीवों के हमले का खतरा बढ़ गया है।
वन परिक्षेत्र कटंगी व तिरोड़ी के पूरे जंगल सिवनी पेंच और वन्यप्राणी अनुभव क्षेत्र सोनेवानी लालबर्रा से लगे हैं। इन जंगलों में बाघ, तेंदुए, भालू, चीतल, हिरण, बायसन, नीलगाय के अलावा अन्य वन्यप्राणी बहुतायत में पाए जाते है। जो कई बार विचरण करते हुए खेतों व गांव तक आकर ग्रामीणों को घायल कर रहे है।
एक सप्ताह के भीतर भालू व जंगलू सूअर ने सात लोगों को घायल कर दिया। जंगल से वन्य जीव खेतों व गांव में आने की वजह से लोगों में दहशत बनी रहती है, क्योंकि इन दिनों किसान अलसुबह से ही खेतों में महुआ बीनने जा रहे है। वन्य जीव आकर लोगों को घायल कर देते है।
इसके पीछे जंगल में पानी खत्म होना और सागौन अधिक रहने से पेड़ के नीचे घास व कंदमूल नहीं उगते, इसलिए शाकाहारी वन्य जीव पानी व भोजन की तलाश में खेतों व गांव की ओर आ रहे है। इनके पीछे मांसाहारी वन्य जीव शिकार की तलाश में पहुंचने से गांव के लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है।
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