Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

रोका तो होंगे आक्रामक, पथराव-आगजनी की भी आशंका…किसानों के दिल्ली आने को लेकर क्या हैं इनपुट, जानें

8

2021 का किसान आंदोलन तो आपको याद ही होगा. जिसे देश के लाखों लोगों का समर्थन मिला था. इस एक आंदोलन ने सरकार को हिलाकर रख दिया था. कड़कड़ाती सर्दी में किसानों के हौसले पस्त नहीं हुए थे और सरकार द्वारा मांगे माने जाने तक उनका प्रदर्शन जारी रहा था. वहीं एक बार फिर से ऐसा ही मंजर देखने को मिल सकता है. राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से किसानों ने आंदोलन करने की तैयारी कर ली है.

पंजाब के किसान संगठनों ने 13 तारीख को दिल्ली कूच का आह्वान किया है. भारी तादाद में किसानों के दिल्ली में दाखिल होने की उम्मीद है. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं. इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक संभावना जताई जा रही है कि अगर किसान दिल्ली का रुख करते हैं तो राजधानी की तमाम सीमाओं पर करीब 2 हजार से 25 हजार ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ करीब 15 से 20 हजार प्रदर्शनकारी जमा हो सकते हैं.

खबर है कि दिल्ली कूच से पहले किसानों ने हरियाणा और पंजाब में ट्रैक्टरों की रिहर्सल कराई साथ ही कई बार मीटिंग भी की गई. बताया जा रहा है कि इस बार किसान पूरी तैयारी के साथ आंदोलन करने के मूड में हैं, जिसके लिए उन्होंने मॉडिफाइड ट्रैक्टर तैयार किए हैं. इन ट्रैक्टरों में राशन को स्टोर करने के साथ ही उनके रहने की व्यवस्था की गई है. वहीं किसान संगठनों ने आंदोलन का समर्थन करने के लिए केरल, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और तमिलनाडु सहित तमाम राज्यों का दौरा भी किया है.

किसानों के आंदोलन की वजह से एक बार फिर से बवाल होने की आशंका जताई जा रही है. अगर किसानों को रोकने की कोशिश की गई तो आईये जानते हैं क्या हो सकता है?

क्या है आशंका

  • दिल्ली बॉर्डर पर रोके जाने से आक्रामक हो सकते हैं प्रदर्शनकारी किसान. नाराज प्रदर्शकारी उसी जगह धरने पर बैठ सकते हैं.
  • प्रदर्शनकारी किसानों की वजह से एक बार फिर से ट्रैफिक और कानून-व्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है.
  • कार्रवाई से बचने के लिए प्रदर्शकारी किसान कुछ दिनों पहले पहुंच कर गुरुद्वारों, धर्मशालाओं जैसी जगहों पर छिप सकते हैं.
  • पीएम आवास, गृहमंत्री के आवास, कृषि मंत्री आवास समेत अन्य मंत्रियों और नेताओं के आवास पर किसानों के जुटने की आशंका.
  • छोटे-छोटे ग्रुप में कार, मेट्रो, दोपहिया वाहनों और ट्रेनों से राजधानी में दाखिल हो सकते हैं किसान.
  • दिल्ली बॉर्डर पार करने के लिए महिलाओं-बच्चों और युवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं किसान.
  • उग्र किसानों के हथियार का इस्तेमाल करने की आशंका जताई जा रही है. पथराव और आगजनी की कोशिश कर सकते हैं किसान.
  • किसानों को दिल्ली बॉर्डर, हाईवे या एक्सप्रेस-वे पर रोका गया तो दूध, सब्जी समेत दूसरी जरूरी चीजों की आपूर्ति पर असर पड़ेगा.
  • अगर किसान दिल्ली में प्रवेश कर गए तो किसी भी स्थान पर बैठ कर धरना दे सकते हैं. रात में प्रवेश कर सकते हैं किसान.
  • किसानों के आंदोलन का असामाजिक तत्व फायदा उठा सकते हैं. प्रदर्शन के दौरान हो सकती हैं हिंसा की घटनाएं.
  • कई राजनीतिक दल, ट्रेड यूनियन और छात्र संघ भी आंदोलन में शामिल हो सकते हैं.
  • सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलने से माहौल खराब होने की आशंका.

इन बातों से साफ जाहिर है कि इस बार किसान सरकार पूरी तैयारी के साथ प्रदर्शन के मूड में हैं, जिसके लिए बकायदा पहले से रणनीति बना ली गई है. सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं.

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुझाव

  • दिल्ली में सभी सीमाओं और विरोध स्थलों पर पुलिस की पर्याप्त और उचित बहुस्तरीय व्यवस्था की जानी चाहिए.
  • आंदोलन से निपटने के लिए दिल्ली के प्रमुख रेलवे स्टेशनों, आईएसबीटी, गुरुद्वारों, धर्मशाला, गेस्ट हाउस समेत अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने चाहिए.
  • प्रदर्शनकारियों की आवाजाही की जांच करने के लिए अंतर-राज्य सीमाओं और महत्वपूर्ण इलाकों पर मजबूत बैरिकेडिंग और सक्रिय चेकिंग पॉइंट लगाए जाने चाहिए.
  • किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सभी सीमा बिंदुओं पर पर्याप्त उपाय किए जा सकते हैं.
  • बाहरी रिंग रोड के साथ-साथ रिंग रोड की ओर जाने वाली विभिन्न मुख्य सड़कों पर दिन-रात कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए.
  • नई दिल्ली, उत्तरी और मध्य जिलों में जैसे रामलीला मैदान, राजघाट, लाल किला, किसान घाट, संसद भवन, पीएम हाउस, एचएम आवास और कृषि मंत्री के आवास और कार्यालयों पर लगातार निगरानी और उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.
  • तैनात किए गए कर्मचारियों को उचित रूप से जानकारी दी जानी चाहिए और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए. बाहरी बलों के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों से जरूरी संपर्क और ब्रीफिंग की जानी चाहिए.
  • विरोध स्थलों पर सिविल ड्रेस में कर्मचारियों को तैनात किया जा सकता है. पंजाबी और हरियाणवी जानने वाले कर्मचारियों को तैनात किया जा सकता है.
  • प्रमुख सड़कों और सीमाओं की यातायात स्थिति की घोषणा एफएम रेडियो और टीवी के जरिए नियमित रूप से की जा सकती है.
  • नई दिल्ली क्षेत्र के सभी महत्वपूर्ण स्थानों और शहर के अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों में 24 घंटे गश्त की जाए.
  • दिल्ली के सभी प्रमुख गुरुद्वारों पर कड़ी निगरानी रखी जाए.
  • मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, आईएसबीटी पर पुलिस बल की उचित तैनाती के साथ गहन जांच की जाए.
  • सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जाए. कार्यक्रम के दौरान शांति बनाए रखने के लिए स्थानीय स्तर पर किसान यूनियनों के नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की जाए.
  • दंगा-रोधी उपकरणों, वॉटर कैनन, बैरिकेड्स आदि से लैस सुरक्षा बलों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.
  • जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त बल के साथ पर्याप्त व्यवस्था की योजना बनाई जानी चाहिए.
  • प्रदर्शनकारी सीमाओं पर शिविर स्थापित करते हैं, तो कर्मचारियों की शिफ्ट-वार तैनाती के संदर्भ में पर्याप्त तैयारी की जाए.
  • वाहनों की गहन जांच की जानी चाहिए ताकि कोई भी आंदोलनकारी संसद भवन और विशेष स्थानों के पास न पहुंच सके.
  • स्थानीय पुलिस विरोध स्थलों पर उचित वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी सुनिश्चित कर सकती है. प्रदर्शनकारियों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP के संबंध में कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए आंदोलन करने का ऐलान किया है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.