यूपी में इंडिया गठबंधन के सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से 20 सीटों की मांग की है. बुधवार को कांग्रेस की तरफ से 20 सीटों की मांग वाला खत समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव को भेजा गया. हालांकि इस चिट्ठी में कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम नहीं बल्कि सिर्फ लोकसभा सीटों के नाम हैं. इससे पहले समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 11 सीट का प्रस्ताव दिया था. जिस पर कांग्रेस राजी नहीं थी. जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने अपने 16 उम्मीदवार घोषित कर दिए थे. इसके बाद से कांग्रेस, समाजवादी पार्टी से नाराज चल रही थी.
कांग्रेस की मांग पर अब क्या करेंगे अखिलेश?
16 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के बाद भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच शीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी थी. अखिलेश यादव द्वारा राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद उम्मीद थी कि जल्द ही शीट शेयरिंग को लेकर कोई सर्वमान्य रास्ता निकल आएगा. लेकिन कांग्रेस की ओर से अब 20 सीटों की मांग के बाद सब कुछ समाजवादी पार्टी के रुख पर निर्भर करेगा.
समाजवादी पार्टी की एकतरफा घोषणा से नाराज थी कांग्रेस
सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर अखिलेश यादव द्वारा कांग्रेस को 11 सीटें देने के प्रस्ताव से पहले कांग्रेस पिछले चुनावों में अपने प्रदर्शन के आधार पर 25 सीटों की मांग कर रही थी. यही नहीं कांग्रेस नेताओं का मानना था कि 20 सीट से कम पर कोई समझौता नहीं होगा. यही नहीं कांग्रेस चाहती थी कि 2017 की तरह दोनों पार्टी साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीट के बंटवारे का एलान करें. यही वजह है कि अखिलेश के रुख को देखते हुए कांग्रेस यूपी की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गई थी. लेकिन एक बार फिर जब बातचीत पटरी पर आई है तो कांग्रेस ने अपनी मांग समाजवादी पार्टी के सामने रख दी है.
जयंत के साथ छोड़ने की अटकलें
एक तरफ शीट शेयरिंग को लेकर भले ही कांग्रेस और समाजवादी पार्टी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दोनों दलों के लिए आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने भी टेंशन बढ़ा दी है. जयंत चौधरी के बीजेपी के साथ जाने की खबरे हैं. अगर जयंत ये कदम उठाते हैं तो यूपी में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला फिर से नया आकार ले सकता है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.