Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

राम मंदिर की पूजा विधि में बदलाव, अब साथ में नहीं होगी सीता-राम की स्तुति, जानें क्या है कारण

7

अयोध्या। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हो जाएगी और रामलला की नियमित पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी। इस बीच रामलला की पूजा विधि और स्तुति में भी कुछ बदलाव किया गया है। अब राम मंदिर में भगवान श्रीराम की पूजा रामानंदीय परंपरा के अनुसार नहीं होगी। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि अभी तक भगवान श्रीराम की पूजा माता सीता के साथ रामानंदीय परंपरा के अनुसार होती थी, लेकिन अब रामलला के प्राधान्य को ध्यान में रखकर माता सीता के साथ संयोजित स्तुति नहीं होगी।

माता सीता की स्तुति नहीं होने का कारण

राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने उपासना के विशेषज्ञ संतों से विमर्श के बाद तय किया है कि अब रामानंदीय परंपरा से भगवान श्रीराम की पूजा इसलिए नहीं होगी क्योंकि मुख्य गर्भगृह में रामलला के साथ भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के बाल रूप और हनुमान जी, सरयू मैया तथा अयोध्या नाथ का आह्वान किया जाएगा। चूंकि प्रभु श्री राम मंदिर में बालस्वरूप में विराजमान हो रहे हैं, इसलिए माता सीता की उपासना एक चूक के रूप में इंगित हुई है। मूल गर्भगृह में श्रीराम का विग्रह 5 वर्षीय बालक के रूप में स्थापित किया जा रहा है।

प्रथम तल के गर्भगृह में हो सकती है माता सीता की पूजा

रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार, भूतल पर स्थित मूल गर्भगृह में मां सीता की उपासना न होने की भरपाई प्रथम तल के गर्भगृह से होने की संभावना है। प्रथम तल के गर्भगृह में श्रीराम और माता सीता के सात संपूर्ण राम दरबार की स्थापना की जाएगी। इस राम दरबार में तीनों भाईयों भरत, लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न सहित हनुमान जी की भी प्रतिमा होगी।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.