शहडोल। सर्दी बढ़ते ही बच्चों को निमोनिया और पेट फूलने जैसी बीमारी हो रही हैं जिसके चलते गांव देहात के लोग अपने कलेजे के टुकड़े को बीमारी से निजात दिलाने के लिए दागने जैसी कुप्रथा का शिकार बना रहे हैं।
अनूपपुर जिले के राजेंद्रग्राम ब्लाक के ताराडांड में रहने वाली तीन माह की एक मासूम बच्ची दुर्गेश्वरी को बुरी तरह से दागा गया। इसको इसकी मां ने ही दागा है। जब हालत बिगड़ी तो पहले इस बच्ची को राजेंद्रग्राम ले जाकर दिखाया गया इसके बाद अनूपपुर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया जब हालत और बिगड़ी तो इसे मेडिकल कालेज शहडोल रेफर कर दिया गया।
35 से ज्यादा बार दागा
डाक्टरों के मुताबिक बच्ची को 35 से ज्यादा बार दागा गया था उसकी हालत नाजुक थी और उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था जिसकी रविवार की सुबह तीन बजे मौत हो गई ।
जानकारी के मुताबिक ताराडांड निवासी दुर्गेश्वरी उम्र तीन माह को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और पेट फूल रहा था। 28 दिसंबर को जब घर पर कोई नहीं था तब बच्ची की मां ने ही चूडी गर्म कर अपनी बेटी को जगह-जगह दाग दिया।
बच्ची की हुई मौत
जब बच्ची के पिता मोहन सिंह को किसी ने फोन कर बताया कि तुम्हारी बेटी को तुम्हारी पत्नी ने दाग दिया है तो वह खेत से भागकर आया और तत्काल राजेंद्रग्राम लेकर भागा। वहां से डाक्टर ने अनूपपुर भेज दिया। यहां पर इस बच्ची को भर्ती किया गया।
अनूपपुर में हालत बिगड़ने पर इस बच्ची को 30 दिसंबर की सुबह 4:50 पर शहडोल के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया 31 दिसंबर की सुबह 3:00 बजे इस बच्ची की मौत हो गई है यानी की बच्ची वेंटिलेटर पर 24 घंटे भी नहीं रह पाई।
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