Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

मृत इंसान की नाक में क्यों डालते हैं रूई, पढ़ें इसके पीछे का कारण

7

इंदौर। हिंदू धर्म में 16 संस्कार होते हैं। इनमें एक व्यक्ति के मरने के बाद परिवार करता है, जिसे हम अंतिम संस्कार कहते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि अंतिम संस्कार के समय किन नियमों का पालन करना चाहिए। पुराणों में साफ बताया गया है कि शब को घर लाते समय किन नियमों का ध्यान रखें। मृतक के घर वाले इस बीच एक काम करते हैं। यह हमने भी कई बार देखा होगा कि मरने वाले व्यक्ति के नाक में रूई लगा दी जाती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें इसके पीछे का महत्व बताया है।

मृतक की नाक में रूई लगाने के पीछे का महत्व

कान में रूई लगाने के पीछे एक कहानी सबसे ज्यादा प्रचलित है कि पौराणिक काल में मृतक की आत्मा को शांति मिले, इसलिए उसके शरीर के खुले हिस्सों में सोना भरा जाता था। अब यह टुकड़े गिर ना पड़े, इसलिए रूई लगाकर उन्हें रोका जाता था। नाक में भी रूई लगाने का यही कारण है।

अब इस कहानी सच्च मानने का कोई पुख्ता तथ्य नहीं है, क्योंकि गरुण पुराण में भी साफ लिखा हुआ है कि मरने के बाद व्यक्ति का सांसारिक वस्तुओं से कोई मतलब नहीं रह जाता है। ऐसे में सोने के टुकड़ों को आत्मा की शांति के लिए शरीर के हिस्सों में भरना ठीक नहीं लगता है।

नाक या कान में रूई डालने के कारण का पता लगाने के लिए एक और कथा है। व्यक्ति की मौत के बाद यमराज उसकी आत्मा को लेने के लिए आते हैं। ऐसे में आत्मा शरीर में दुबारा से प्रवेश करने के रास्ते तलाशती है। नाक और कान में रूई लगाने से उसके लिए वह रास्ते बंद हो जाते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.