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ठंड से बचाने के लिए रामलला को पहनाए गए गर्म कपड़े, ओढ़ाई गई रजाई

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अयोध्या: ठंड का असर मंदिरों में भी दिखने लगा है। मठ-मंदिरों के गर्भगृह में विराजमान विग्रहों को ठंड से बचाने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राजन्मभूमि परिसर के अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला को ठंड से बचाने के लिए बुधवार शाम को गर्म कपड़े पहनाए गए व मखमली रजाई ओढाई गई। इसके अलावा अस्थाई मंदिर परिसर में ब्लोवर की भी व्यवस्था की गई है।

रामलला को ठंड से सुरक्षित रखने के लिए ब्लोवर, रजाई, गद्दा व गर्म कपड़ों की व्यवस्था की गईः मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि ठंड का मौसम शुरू होते ही मंदिर की व्यवस्था में परिवर्तन किया जाता है। मंदिर में बाल स्वरुप में विराजमान रामलला को ठंड से सुरक्षित रखने के लिए ब्लोवर, रजाई, गद्दा व गर्म कपड़ों की व्यवस्था की जाती है। उनका कहना है कि जिस प्रकार से एक मां अपने बच्चे को पालने के लिए हर संभव प्रयास करती है। उसी तरह पुजारी अपने बालक स्वरूप भगवान को हर सुख-सुविधा के साथ पूरी व्यवस्थाएं देने का प्रयास करता है।

रामलला को सुबह स्नान ध्यान के बाद कराया जाता है बाल भोग
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई भवन में विराजमान रामलला को सुबह स्नान ध्यान के बाद बाल भोग कराया जाता है। जिसमें रबड़ी और मेवा का भोग लगाया जाता है। दोपहर में भोजन के लिए हरी सब्जी, पूड़ी, अरहर दाल व चावल के साथ खीर खिलाई जाती है। वहीं ठंड को देखते हुए शाम को मूंग का हलआ व मेवा का बाल भोग लगाया जाता है।

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