रांची: झारखंड से कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर दबिश देकर आयकर विभाग की टीम ने भारी मात्रा में नगदी जब्त की है। बताया जा रहा है कि करीब 300 करोड़ रुपए से अधिक की गिनती हो चुकी और अभी भी कई आलमारियों में मिले नोटों की गिनती होनी है। वहीं, छापेमारी के चौथे दिन धीरज साहू के फर्म के मैनेजर बंटी के ओडिशा के बोलांगीर के सुदापाड़ा स्थित ठिकाने से कैश से भरे बीस बैग बरामद किए गए हैं। इन बैगों में करीब एक सौ करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता और झारखंड सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता ने ये खुलासा किया है कि धीरज साहू के पास इतने पैसे कहां से आए। तो चलिए जानते हैं धीरज साहू के पास कहां से आए इतने पैसे?
मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि “धीरज साहू और उनके पिता खानदानी लोग हैं। एक बड़े व्यवसाय और बड़े घराने से उनका ताल्लुक है। सैकड़ों वर्षों से ये अपना बड़ा व्यवसाय कर रहे हैं। ये पैसा किस परिपेक्ष का है, ये आयकर विभाग को स्पष्ट करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि ये घूस का पैसा है। जांच हो रही है, जांच करके दूध का दूध और पानी का पानी करें…उनका निजी व्यवसाय है, उसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। इस विषय पर हम क्या करें…”
बन्ना गुप्ता ने पहले केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेसियों ने पीढ़ी दर पीढ़ी भ्रष्टाचार फैलाया है। महात्मा गांधी की फोटो छापकर और गांधीजी का नाम रखकर, ये भ्रष्ट नेता नोटों से अपना खाता भरते हैं। यही सिलसिला धीरज साहू के मामले में जारी है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने अपनी साहूकारिता का परिचय देते हुए दिखाया है कि कांग्रेस के साहूकार कैसे होते हैं। एक व्यक्ति के 10 ठिकानों पर छापामारी हुई और 300 करोड़ रुपए बरामद हुए और अभी भी गिनती जारी है। उन्होंने पूछा कि यदि कांग्रेस के एक नेता के यहां से 300 करोड़ बरामद हुए हैं तो सोचिए अगर कांग्रेस के सभी भ्रष्टाचारी नेताओं को एक जगह इकट्ठा कर दिया जाए तो कितनी नकदी बरामद होगी?
लेखी ने केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि अधिकारियों ने इस छापे को पूरी तरह से गोपनीय रखा, इसीलिए ये संभव हो पाया। इस छापेमारी में बोलांगीर से 30 किलोमीटर दूर स्थित कार्यालय से ये करोड़ों रुपए बरामद हुए। साहू ने दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन दोनों बार हार गए। इसके बाद भी कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया। इस मामले पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चुप्पी साधे बैठे हैं। इनके मुंह में दही जम गया है। अगर कांग्रेस परिवार की पीढ़ियों की बात की जाए तो उनकी नींव ही भ्रष्टाचार पर रखी गई है। जब राहुल गांधी कहते हैं कि उनका खून पानी से गाढ़ा है तो वह फर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स प्रयोग की जा रही स्याही की बात कर रहे होते हैं। आम जनता पैसों की गिनती दस, सौ, हजार, लाख और फिर करोड़ में करती है क्योंकि आम जनता इतनी बड़ी रकम गिनने की आदी नहीं है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भ्रष्टाचार और घोटालों को एटीएम की तरह प्रयोग करता है। धीरज साहू आखिर किसका एटीएम थे?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धीरज साहू से जुड़े व्यापारिक समूह के ठिकानों पर झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तीन दिनों से जारी इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी में अब तक 300 करोड़ रुपए से अधिक की नकद राशि बरामद हुई है। इस छापे में देश में कानूनी तरीके से जब्त की जानेवाली सबसे बड़ी नकदी होने का अनुमान है। इस मामले पर लेखी ने कहा कि आमतौर पर घर के बड़े-बुजुर्ग सिखाते हैं कि कुछ बड़ा काम करो, लेकिन कांग्रेस के बड़े सिखाते हैं कि घर में बड़े नोट भरो और बड़े नोट भरने का कार्यक्रम अब भी जारी है। जितने भी भ्रष्टाचारी अब तक पकड़े गए हैं, उनमें सबसे ज्यादा नकदी श्री साहू के यहां से बरामद हुई है। इसका आंकड़ा 300 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। जब जनता की मेहनत की गाढ़ी कमाई के 300 करोड़ रुपए एक व्यक्ति के यहां से बरामद होते हैं, तो जनता को बहुत गुस्सा आता है।
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