दिल्ली की एक अदालत ने टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 2008 में हुई हत्या के मामले में शनिवार को चार दोषियों को आजीवन कारावास, जबकि पांचवें दोषी को तीन साल जेल की सजा सुनाई। अदालत ने सजा सुनाते हुए कहा कि यह अपराध ‘दुर्लभ में दुर्लभतम’ मामलों की श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए मौत की सजा का अनुरोध अस्वीकार किया जाता है।
कोर्ट ने चारों आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया। हत्या में 25-25 हजार रुपए और मकोका में एक एक लाख रुपए अर्थ दंड. यानी चारों को डबल उम्रकैद और सवा सवा लाख रुपए जुर्माना लगाया गया। सभी दोषियों को मकोका के तहत सजा सुनाई गई है।दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि 30 सितंबर 2008 को दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर महिला टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या हुई थी। तब सौम्या नाइट शिफ्ट करके दफ्तर से अपने घर लौट रही थीं। पुलिस को सौम्या की लाश उनकी कार में मिली थी। इस मर्डर केस का खुलासा पुलिस ने करीब 6 महीने के बाद किया था। पुलिस ने किसी दूसरे हत्याकांड में आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने सौम्या की हत्या की बात भी कबूल ली।
वहीं, सुनवाई के दौरान सौम्या की मां से जज ने पूछा कि कुछ कहना है? इस पर पीड़ित मां ने कहा कि 15 साल बाद न्याय मिल जाए। मेरे पति आईसीयू में भर्ती हैं और न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद साकेत कोर्ट ने चारों दोषी रवि कपूर,अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार को भारतीय दण्ड विधान की धारा 302 के तहत सौम्या की हत्या का दोषी करार दिया। इसके चलते अजय सेठी को IPC के सेक्शन 411 के तहत दोषी करार दिया गया।
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