वर्षा का सीजन गुजरा, नहीं सुधरे हालात
गौरतलब है कि गांधीनगर में हाल ही में कई सड़कों का निर्माण हुआ है। मुख्य मार्ग पर सीमेंट-कांक्रीट की सड़क बनने से आवाजाही आसान हुई है, लेकिन विश्रामघाट पहुंच मार्ग खराब है। यह मार्ग इतना जर्जर हो चुका है कि पैदल चलना भी मुश्किल है। मानसून में परेशानी झेल चुके नागरिकों को भरोसा था कि वर्षा थमते ही सड़क निर्माण होगा, पर ऐसा नहीं हो सका। रहवासियों के अनुसार महापौर ने दौरा कर सड़क निर्माण का भरोसा दिलाया, पर अब तक काम नहीं हुआ।
नई बस्ती पहुंच मार्ग भी ऊबड़-खाबड़
इसी तरह नई बस्ती पहुंच मार्ग भी जर्जर हो चुका है। यहां सड़क का अस्तित्व ही नजर नहीं आता। पत्थर ही पत्थर नजर आते हैं। वर्षा के समय यहां आवाजाही बंद-सी रहती है। दशहरा मैदान की ओर जाने वाली सड़क पर नगर निगम ने दुकानें तो बना दीं, पर सड़क नहीं बनाई। महापौर से भी लोगों ने कई बार गुहार लगाई। उनका दौरा भी हुआ, पर सड़क निर्माण नहीं हो सका।
जलापूर्ति को लेकर भी परेशानी
नई बस्ती एवं गांधीनगर में नागरिकों को जलापूर्ति बाधित होने के कारण भी परेशान होना पड़ रहा है। यहां पर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से माह में दो से तीन बार पानी सप्लाई बाधित होती है। नगर निगम टैंकरों से पानी सप्लाई समय पर नहीं करता। इस बार तो मानसून के समय भी कई बार लोगों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ा। सिंधी पंचायत के अध्यक्ष अशोक प्रेमानी का कहना है कि विश्रामघाट मार्ग करीब 30 साल से खराब है। पार्षद लक्ष्मण राजपूत के अनुसार इस संबंध में महापौर एवं आयुक्त से पहले भी चर्चा की है। फिर से मुलाकात करेंगे।
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