Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

आंवला नवमी 21 नवंबर को, इसी दिन हुई थी सतयुग की शुरुआत, जानें क्या है पौराणिक मान्यता

5

इंदौर। हिंदू धर्म में आंवला नवमी प्रमुख त्योहारों में से एक हैं। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है और इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल अक्षय नवमी या आंवला नवमी कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और देवउठनी एकादशी से दो दिन पहले मनाया जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में आंवला नवमी का काफी शुभ दिन माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

आंवला नवमी 21 नवंबर को

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस बार अक्षय नवमी 21 नवंबर मंगलवार को है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए पूर्व दिशा की ओर आंवले के पेड़ के नीचे बैठे। आंवला नवमी कथा और बिन्दायक कथा का पाठ करें। देसी घी का दीया जलाते हुए आंवले के पेड़ के चारों ओर सात बार लाल बांधें। भगवान विष्णु या कृष्ण की आराधना करें।

इसी दिन हुई थी सतयुग की शुरुआत

आंवला नवमी का त्योहार मथुरा-वृंदावन में उत्साह के साथ मनाया जाता है। यहां महिलाएं आंवला नवमी पर व्रत रखती है। यहां काफी ज्यादा तादाद में भक्त गोवर्धन परिक्रमा के लिए भी पहुंचते हैं। एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि अक्षय नवमी के दिन से ही सत्य युग की शुरुआत हुई थी।

आंवला नवमी पर हुआ था कंस वध

आंवला नवमी से जुड़ी एक और कथा प्रचलित है। इस कथा के मुताबिक, भगवान कृष्ण ने अपने नाना उग्रसेन को मथुरा का राजा बनाने के लिए अपने मामा कंस का वध करने के लिए आंवला नवमी पर ही वृंदावन और गोकुल की गलियों से मथुरा की यात्रा शुरू की थी।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.