भोपाल। दो दिन पुष्य नक्षत्र के बाद अब 10 नवंबर को फिर से धनतेरस पर शुभ संयोग बन रहा है। इसमें महामुहूर्त पर खूब खरीदारी होगी। व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान सजाने शुरू कर दिए हैं। वहीं ग्राहकों को लुभाने के लिए कई सारे आफर रखे गए हैं। पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि इस दिन चार राजयोग और एक एक शुभ योग बन रहा है। इस तरह पांच योगों का महासंयोग 10 नवंबर को रहेगा। इस बार इन पांच योगों के कारण यह और भी खास हो जाएगी। इस बार प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, गजकेसरी और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं।
धनवंतरी की पूजन
भगवान विष्णु के अंशावतार और देवताओं के वैद्य भगवान धन्वन्तरि का समुद्र से प्राकट्य पर्व कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी 10 नवंबर को मनाया जाएगा। आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धन्वंतरि की पूजन कर यम दीप प्रज्ज्वलित कर दान किया जाता है। इस पूजन से असामायिक मृत्यु भय से मुक्त होकर व्यक्ति सुख समृद्धि आरोग्यता को प्राप्त करता है। यह पर्व शिव-पार्वती व्रत पूजन प्रदोष व्यापिनी कोषाध्यक्ष कुबेर के पूजन विधि अनुसार मनाने का विधान है।
बर्तन खरीदने की रही है परंपरा
धनतेरस के लिए बर्तन खरीदने की परंपरा निभाने के लिए पारंपरिक बर्तन बाजार सज चुका है। पीतल और कांसे के बर्तनों की डिमांड अधिक है, लोग भोजन बनाने से लेकर खाने के बर्तनों में भी सेहत को देख रहे हैं। त्योहार पर सबसे ज्यादा लोग बर्तन खरीदते हैं। शादी सीजन के लिए शुभ मुहूर्त में बर्तन खरीदे जाते हैं।
स्वागत में सजी दुकानें
धनतेरस के पहले ही ग्राहकों के स्वागत के लिए दुकानदारों ने दुकानें सजाई हैं। शहर की अधिकांश दुकानें शाम होते ही रोशनी से जगमग हो रही हैं। सराफा बाजार, न्यू मार्केट, दस नंबर आदि स्थानों पर ग्राहकों की भीड़ है। शाम होते ही चौक बाजार में चारों ओर रोशनी और सजावटी फूलों से सजावट राहगीरों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहती है।
पूजन का विशेष महत्व
पंचांग के अनुसार धनतेरस का शुभ मुहूर्त इस साल 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 11 नवंबर को दोपहर एक बजकर 32 मिनट पर समापन होगा। इसलिए प्रदोष काल संध्या पूजन का विशेष महत्व है।
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