Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, समन पर लगी रोक

9

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को बड़ी राहत प्रदान की है। सुनीता केजरीवाल पर दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचि में अपना दर्ज कराकर कानून उल्लंघन करने के आरोप लगे हुए हैं। इस मामले में अब दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की पत्नी को निचली अदालत से मिले समन पर सोमवार को रोक लगा दी है।

शिकायतकर्ता को नोटिस जारी
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देने वाली सुनीता केजरीवाल की याचिका पर राज्य के साथ साथ शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया जिसमें उन्हें आरोपों के संबंध में 18 नवंबर को अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया था। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए इसे एक फरवरी को सूचीबद्ध किया और आदेश दिया, ‘‘इस फैसले से कई सवाल खड़े हो गए हैं इसलिए इसे लागू करने पर रोक रहेगी।”

सुनीता के वकील ने कोर्ट में पेश की ये दलील
उन्होंने दावा किया कि झूठी घोषणाएं करने से संबंधित अधिनियम की धारा 31 के तहत अपराध के लिए सुनीता केजरीवाल को दंडित किया जाना चाहिए। सुनीता केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी कि निचली अदालत का आदेश बिना सोचे समझे पारित किया गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दो मतदाता पहचान पत्र रखना कोई अपराध नहीं है और इस बात के कोई सबूत नहीं है कि याचिकाकर्ता ने कोई गलत बयान दिए थे। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने 29 अगस्त को याचिकाकर्ता को 18 नवंबर को तलब किया था।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.