Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों का कमाल, फेफड़े में धंसी 4 सेंटीमीटर की सुई निकालकर बच्चे की बचाई जान

8

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों ने सात वर्षीय बच्चे के बाएं फेफड़े में धंसी सुई को चुंबक की मदद से सफलतापूर्वक निकाला है। अस्पताल ने शनिवार को यह जानकारी दी। अस्पताल ने कहा कि बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग की टीम ने जटिल एंडोस्कोपिक प्रक्रिया के जरिये फेफड़े के भीतर धंसी चार सेंटीमीटर की सुई को निकाला। बच्चे को हेमोप्टाइसिस (खांसी के साथ रक्तस्राव) की शिकायत के बाद गंभीर स्थिति में बुधवार को एम्स में भर्ती कराया गया था।

सिलाई मशीन की एक लंबी सुई धंसी
बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. विशेष जैन ने बताया कि रेडियोलॉजिकल जांच से पता चला कि बच्चे के बाएं फेफड़े में सिलाई मशीन की एक लंबी सुई धंसी हुई है। डॉ. जैन ने एक परिचित के जरिये उसी शाम चांदनी चौक बाजार से चुंबक खरीदने की व्यवस्था की। जैन ने कहा, ‘‘चार मिलीमीटर चौड़ाई और 1.5 मिलीमीटर मोटाई वाला चुंबक इस काम के लिए एकदम सही उपकरण था।”

श्वासनली को जोखिम से बचाना उद्देश्य
प्रक्रिया की जटिलताओं के बारे में बताते हुए, बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. देवेन्द्र कुमार यादव ने कहा कि सुई फेफड़े के भीतर इतनी गहराई तक धंसी थी कि पारंपरिक तरीके लगभग अप्रभावी साबित होते। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की टीम ने गहन चर्चा की, जिसका उद्देश्य सुई को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से निकालने के लिए अभिनव समाधान तलाशना था। डॉ. जैन ने कहा, ‘‘प्राथमिक उद्देश्य श्वासनली को किसी भी तरह के जोखिम से बचाकर चुंबक को सुई के स्थान तक ले जाना था।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.