मणिपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद की मंगलवार को मोरेह के ईस्टर्न ग्राउंड में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की आपात बैठक हुई। बैठक में मोरेह के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) आनंद की सीमावर्ती क्षेत्र में हत्या के बाद राज्य में उत्पन्न कानून व्यवस्था की स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया। घटना के बाद, संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने मोरेह में पुलिस कर्मियों पर भी हमला किया। मणिपुर पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में अतिरिक्त बल भेजे गए। हालांकि सीमावर्ती शहर में भारी गोलीबारी की सूचना मिली है।
अधिकारी ने बताया कि विभिन्न कुकी संगठनों ने राजमार्ग पर पुलिस की आवाजाही रोक दी है, इसलिए सीमावर्ती शहर में केवल कुछ पुलिसकर्मी ही ड्यूटी पर थे। पिछले कुछ दिनों में मणिपुर पुलिस के जवानों ने करीब 11 म्यांमार नागरिकों को गिरफ्तार किया था जो मोरेह में अवैध गतिविधियों में शामिल थे। वर्ष 1991 कुकी नागा संघर्ष के बाद, मोरेह में कोई नगा बस्ती नहीं थी और तीन मई 2023 को शुरू हुए मैतेई कुकी संघर्ष के बाद सभी मैतेई सीमावर्ती शहर से भाग गए थे। कुकी संगठनों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था और सीमा पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मणिपुर पुलिस की तैनाती की अनुमति नहीं दी गई थी।
स्थिति हो रही सामान्य
मंत्रिमंडल ने बैठक में कहा कि जातीय संघर्ष के दोनों पक्ष पिछले डेढ़ से दो महीने से संयम बरत रहे हैं और शांति कायम है। जब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही थी। इसी बीच पुलिस अधिकारी उग्रवादियों द्वारा मुठभेड़ में शहीद हो गए। राज्य बल और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा संयुक्त रूप से हेलीपैड के निर्माण के लिए ईस्टर्न शाइन स्कूल के मैदान की सफाई की देखरेख के लिए ड्यूटी पर थे। कैबिनेट ने इस कायरतापूर्ण कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की।
कैबिनेट ने पीड़ित के परिजनों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की मंजूरी दी है। शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी रोजगार भी प्रदान किया जाएगा। कैबिनेट ने इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों को पकड़ने के लिए मोरेह और आसपास के इलाकों में एक संयुक्त अभियान शुरू करने और दोषियों की गिरफ्तारी तक इसे जारी रखने का निर्देश दिया। कैबिनेट ने इस उद्देश्य के लिए इंफाल से अतिरिक्त राज्य बलों को तैनात किया गया है। इसके बाद से अभियान शुरू हो गया है। कैबिनेट ने आगे निर्देश दिया कि केंद्रीय और राज्य बल राष्ट्रीय राजमार्ग-102 पर पल्लेल-मोरेह सड़क पर परिवहन और आम जनता की भय मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करेंगे।
कैबिनेट ने कहा कि उग्रवादी संगठन के खिलाफ कल ही प्राथिमिकी दर्ज हो चुकी थी। आज एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की हत्या की घटना को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) कानून, 1967 की धारा 03 के तहत डब्ल्यूकेजेडआईसी को एक गैरकानूनी संघ/संगठन घोषित करने की सिफारिश करने को भी मंजूरी दे दी। इस बीच, शहीद पुलिस अधिकारी के निवास सिंगजामेई में स्थिति तनावपूर्ण है।
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