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चंद्र ग्रहण के दौरान जरूर करें तुलसी स्रोत का पाठ, इन नियमों का करें पालन

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इंदौर। हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल शरद पूर्णिमा के दिन 28 अक्टूबर 2023 को चंद्रग्रहण लगेगा, जिसे भारत में भी देखा जा सकता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकता है और इस दौरान मां तुलसी की पूजा अर्चना करना चाहिए। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ बातों को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यहां जानें इससे जुड़ी कुछ धार्मिक मान्यताएं।

चंद्रग्रहण के दौरान न करें ये काम

शरद पूर्णिमा के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा। ऐसे में चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी तुलसी के पौधे को न छुएं। इस दौरान तुलसी की पूजा भी नहीं करनी चाहिए। तुलसी को जल या दीपक भी नहीं लगाना चाहिए। चंद्रग्रहण से पहले ही खाने की सभी चीजों में तुलसी की पत्तियां डाल देना चाहिए, जिससे खाने पीने की चीजें पूर्णतया शुद्ध रहें।

इस तुलसी स्तुति का करें पाठ

तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे ।

नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥॥

मनः प्रसादजननि सुखसौभाग्यदायिनि ।

आधिव्याधिहरे देवि तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥॥

यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः ।

यदग्रे सर्व वेदाश्च तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥॥

अमृतां सर्वकल्याणीं शोकसन्तापनाशिनीम् ।

आधिव्याधिहरीं नॄणां तुलसि त्वां नम्राम्यहम् ॥॥

देवैस्त्चं निर्मिता पूर्वं अर्चितासि मुनीश्वरैः ।

नमो नमस्ते तुलसि पापं हर हरिप्रिये ॥॥

सौभाग्यं सन्ततिं देवि धनं धान्यं च सर्वदा ।

आरोग्यं शोकशमनं कुरु मे माधवप्रिये ॥॥

तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भयोऽपि सर्वदा ।

कीर्तिताऽपि स्मृता वाऽपि पवित्रयति मानवम् ॥॥

या दृष्टा निखिलाघसङ्घशमनी स्पृष्टा वपुःपावनी

रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्ताऽन्तकत्रासिनी ।

प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवतः कृष्णस्य संरोपिता

न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नमः ॥॥

॥ इति श्री तुलसी स्तुति: ॥

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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