कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर अडानी मामले को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए अडाणी समूह पर कोयला आयात में बढ़ा चढ़ाकर बिल दिखाने और लोगों से 12,000 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता आरोप लगया कि अडानी द्वारा कोयला आयात को महंगा दिखाए जाने के कारण आम लोगों को बिजली की अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। राहुल गांधी ने पूछा आखिर मोदी सरकार अडाणी समूह के खिलाफ जांच क्यों नहीं कर रही है।
12000 करोड़ रुपये की चोरी की
कांग्रेस नेता ने एक ब्रिटिश अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की खबर का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस संदर्भ में ‘मदद करना चाहते हैं’ कि प्रधानमंत्री अडाणी समूह के मामले की जांच कराएं और अपनी विश्वसनीयता बचाएं। राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ”अडानी इंडोनेशिया में कोयला खरीदते हैं और जब तक कोयला भारत आता है, इसकी कीमत दोगुनी हो जाती है। हमारी बिजली की कीमतें बढ़ रही हैं। वह (अडानी) सबसे गरीब लोगों से पैसा लेते हैं।” अडानी मुद्दे पर कांग्रेस नेता का कहना है कि, ‘इस बार चोरी जनता की जेब से हो रही है…जब आप स्विच का बटन दबाते हैं तो अडानी की जेब में पैसा जाता है।’
पीएम अडाणी समूह के खिलाफ जांच क्यों नहीं कराते?
राहुल गांधी ने कहा लोग सवाल पूछ रहे हैं…अलग-अलग देशों में पूछताछ हो रही है लेकिन भारत में कुछ नहीं हो रहा है। कांग्रेन नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी अडाणी समूह के खिलाफ जांच क्यों नहीं कराते? राहुल गांधी ने दावा किया कि अडाणी समूह से जुड़े मामले के कारण प्रधानमंत्री मोदी की विश्वसनीयता पर असर हो रहा है। उन्होंने कहा, ” मैं तो प्रधानमंत्री की मदद करना चाहता हूं। वह इस मामले की जांच कराएं और अपनी विश्वसनीयता बचाएं। ” राहुल गांधी के आरोपों पर फिलहाल अडाणी समूह की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
शरद पवार पीएम होते तो सवाल पूछता’
यह पूछे जाने पर कि अडानी मुद्दे पर भारत गठबंधन एकजुट होने के बावजूद वह शरद पवार की अडानी से मुलाकात पर सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं, कांग्रेस नेता ने कहा कि, “मैंने शरद पवार से नहीं पूछा, वह भारत के प्रधानमंत्री नहीं हैं। मैं शरद पवार का बचाव नहीं कर रहा हूं।” अडानी, मिस्टर मोदी हैं और इसीलिए मैंने मिस्टर मोदी से यह सवाल पूछा। अगर शरद पवार भारत के पीएम के रूप में बैठे होते और अडानी की रक्षा कर रहे होते, तो मैं शरद पवार से यह सवाल पूछ रहा होता।”
अमेरिकी कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ ‘अनियमितताओं’ और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाए जाने के बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर हमलावर है और आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराए जाने की मांग कर रही है। अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। उसका कहना है कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है।
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