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‘फैसला स्वागत योग्य’, समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर RSS ने दी प्रतिक्रिया

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मंगलवार को समलैंगिक विवाहों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि संसद इसके अनेक पहलुओं पर चर्चा कर सकती है और उचित निर्णय ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आज समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने का अनुरोध करने वाली 21 याचिकाओं पर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई की।

प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत कानून नहीं बना सकता, बल्कि उनकी केवल व्याख्या कर सकता है और विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। हमारी लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली इससे संबंधित सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर सकती है और उचित निर्णय ले सकती है।”

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