नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 3-2 से समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया। हालांकि दो जजों ने समलैंगिक समाज के पक्ष में कुछ टिप्पणियां की जैसे जीवनसाधी चुनने का अधिकार हर किसी को है। अनुच्छेद 21 के तहत अधिकार है, जेंडर और सेक्सुअलिटी को एक साथ नहीं देख सकते। इन सबके बीच दुनिया के उन कुछ खास देशों का जिक्र करेंगे जहां समलैंगिक शादियों को मान्यता मिली हुई है। इन 22 देशों में कानून भी बना हुआ है।
केंद्र सरकार ने दी थी यह दलील
केंद्र सरकार ने समलैंगिक शादी के मुद्दे सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा था कि यह ना सिर्फ भारत की सांस्कृतिक और नैतिक पंरपरा के खिलाफ है बल्कि इसे मान्यता देने का अर्थ यह होगा कि 28 कानूनों के 158 प्रावधानों को बदलने के साथ ही पर्सनल लॉ में भी बदलाव करना होगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम है। न्यायालय तो सिर्फ कानून की व्याख्या कर सकता है कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है।
इन देशों में मान्य है समलैंगिंक शादी
ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, स्विटजरलैंड, ऑयरलैंड, ,स्वीडेन, स्पेन, फिनलैंड, नीदरलैंड, क्यूबा, स्लोवेनिया, बेल्जियम में समलैंगिक शादी को मान्यता मिली हुई है। पिछले साल तीन देशों ने समलैंगिक शादी को मान्यता दी जिसमें क्यूबा, स्लोवेनिया और एंडोरा शामिल हैं। कुछ इस्लामिक देशों में तो सेम सेक्स मैरिज करने वालों को फांसी की सजा दे दी जाती है। समलैंगिक समाज के लोगों का कहना है कि वो भी आम इंसानों की तरह ही हैं आखिर उनके साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। इस विषय पर जानकार कहते हैं कि दुनिया के विकसित मुल्कों ने खुद को समय के साथ ढाल लिया हालांकि विकासशील देश इस मुद्दे पर कोई अहम फैसला लेने से बचते रहे हैं।
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