अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र सरकार पर आप सांसद राघव चड्ढा भड़के। उन्होंने कहा, ”अमृतपाल को शहीद का दर्जा क्यों नहीं मिला। क्यों शहीद अमृतपाल सिंह के पार्थिव शरीर को तिरंगा में लपेट कर नहीं लाया गया, क्यों उन्हें सेना के वाहन की जगह निजी एंबुलेंस में भेजा गया।” उन्होंने आगे कहा,”आप सरकार शहीदों का सम्मान करती है, इसीलिए पंजाब पुलिस ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी। पंजाब सरकार शहीद अग्निवीर अमृतपाल सिंह के परिवार को 1 करोड़ सम्मान राशि देगी और शहीद का दर्जा देगी।”
राघव चड्ढा ने आगे कहा, ”लानत है ऐसी केंद्र सरकार पर जो शहीद का सम्मान नहीं करती। सिर्फ दिवाली पर फोटो खिंचवाने और मिठाई बाटने से सैनिकों का सम्मान नहीं होता। सेना के जवानों का असली सम्मान करना है तो जवान की शहादत के बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी जानी चाहिए। अगर सही सम्मान करना है तो कॉस्ट कटिंग के नाम पर उनकी पेंशन और मुआवजा न खत्म की जाए बल्कि दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा होना चाहिए।”
केंद्र सरकार को शर्म आनी चाहिए: सत्यपाल मलिक
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी सवाल उठाते हुए कहा है, ‘अग्निवीर बनाए ही इसलिए गए हैं ताकि शहीद का दर्जा न दिया जाए।’ उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार को शर्म आनी चाहिए कि वह अग्निवीरों को शहीद का दर्जा नहीं दे रही है। बाद में स्थानीय लोगों ने पुलिस से बात की और पुलिस ने शहीद को सलामी दी।
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर कांग्रेस ने अपने नेशनल हैंडल से एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था कि पंजाब के रहने वाले अमृतपाल सिंह अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुए। वह कश्मीर में तैनात थे। 10 अक्टूबर को गोली लगने से वह शहीद हो गए।
दुखद ये है कि देश के लिए शहीद होने वाले अमृतपाल जी को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई भी नहीं दी गई। उनका पार्थिव शरीर एक आर्मी हवलदार और दो जवान लेकर आए। इसके अलावा आर्मी की कोई यूनिट तक नहीं आई। यहां तक कि उनके पार्थिव शरीर को भी आर्मी वाहन के बजाए प्राइवेट एंबुलेंस से लाया गया। ये देश के शहीदों का अपमान है।
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