आज भागम-भाग जीवन शैली में लोगों के पास मन को आराम देने के लिए समय नहीं है। सुबह से लेकर देर रात तक काम करते समय मन पूरी तरह से थक जाता है। फिर ड्यूटी से घर पहुंचने के बाद आधी रात तक मोबाइल का उपयोग करने से मानसिक स्थिति पर दोहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसके चलते बच्चे से लेकर युवाओं में चिड़चिड़ाने लगे हैं। छोटी-छोटी बातों को लेकर तुरंत टेंशन में आ जा रहे हैं।
इसके चलते कई बच्चे व युवा गलत कदम उठा लेते हैं। इससे उनकी जान भी चली जाती है। इसलिए मानसिक स्थिति को आराम देना बहुत जरूरी है। इसके लिए नियमित एक घंटा योग अभ्यास करें। भ्रामरी प्राणायाम के अभ्यास करने से मन को पूरी तरह शांति मिलती है।
दिमाग नताव मुक्त हो जाता है। ये बातें अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के योग साइंस विभाग के योग विशेषज्ञ डा. सत्यम तिवारी ने कही। 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाएगा। मनोचिकित्सक डा. निधि वर्मा ने कहा कि इंटरनेट मीडिया का मानसिक स्वास्थ्य पर असर कम करना, व्यायाम करना और सकारात्मक सोच का विकास करना।
अच्छा मानसिक स्वास्थ्य न केवल व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। अच्छी मानसिक स्वास्थ्य वाले लोग काम करने में अधिक सक्षम होते हैं। उनकी सोच और व्यवहार पाजिटिव होता है और वे अपने परिवार, समाज और देश के लिए बेहतर करते हैं। इसलिए, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और इन्हें स्वस्थ रखने के लिए नियमित चेकअप और संतुलित जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता होती है।
मानसिक स्वास्थ्य हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का अंग है जो हमारे व्यक्तित्व के रूप में प्रकट होता है। योग विज्ञान के अंतर्गत मन को चित्त कहा गया है और चित्त में विकार आने से विभिन्न शारीरिक एवं मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
पंच क्लेशों से दूर होते हैं समस्त विकार
विशेषज्ञों ने कहा कि भगवान पतंजलि ने इसका निदान अष्टांग योग, क्रिया योग, धारणा ध्यान का अभ्यास बतलाया है। यम नियम का पालन एवं जीवन शैली में सुधार करने से भी विभिन्न मानसिक समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। महर्षि पतंजलि ने किस पांच क्लेश का नाम दिया है, जिसमें समस्त मानसिक एवं शारीरिक विकारों के अंतर्गत अविद्या व अज्ञान मुख्य है। योग मार्ग द्वारा इसके समाप्त होने पर समस्त मानसिक क्लेशों व विकारों का नाश संभव है।
मानिसक स्वास्थ्य का छात्रों पर ज्यादा पड़ता है असर
योग विशेषज्ञ डा. सत्यम तिवारी ने कहा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ही सभी के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। ख़ासकर एक स्टूडेंट के जीवन में इसका महत्व बढ़ जाता है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों एक-दूसरे से पूर्णता अलग नहीं होते हैं, बल्कि एक-दूसरे के पूरक का काम करते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य शरीर की अच्छी सेहत को संबोधित करता है, जबकि मानसिक स्वास्थ्य मन की अच्छी सेहत को संबोधित करता है। दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण हैं और इन्हें दृष्टिकोण से अलग नहीं देखा जा सकता है।
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