घटना के बाद पुलिस ने आरोपित आरक्षक को गिरफ्तार कर उसके पास से इंसास राइफल बरामद किया था। पूछताछ में आरोपित ने खराब कार को बनाकर नहीं देने पर आटोमोबाइल संचालक को गोली मारना स्वीकार किया था।
लोक अभियोजक मनोज वर्मा ने बताया कि महासमुंद के शास्त्री चौक निवासी मनोज सेन (33) पुलिस लाइन रायपुर में आरक्षक के पद पर पदस्थ था। उसने पुराने वाहन की खरीदी बिक्री करने वाले पचपेड़ी नाका के पास संचालित सांई मोटर्स के संचालक संजय अग्रवाल से संपर्क किया।
इस दौरान सेवरलेट कंपनी की पुरानी कार पंसद आने पर तीन लाख 70 हजार रुपये में सौदा किया। नकद तीन लाख रुपये देने के बाद बकाया रकम दस्तावेजी खानापूर्ति के बाद भुगतान करने पर सहमति जताई थी, लेकिन डिलिवरी के कुछ दिन बाद ही कार के खराब होने पर आटोमोबाइल संचालक ने सुधारने का आश्वासन दिया।
कई बार-बार चक्कर लगवाने के बाद भी कार नहीं बनाकर देने से आरक्षक परेशान हो गया था। 26 मार्च 2019 की दोपहर 12:15 बजे वह अपने साढू भाई की इंसास राइफल लेकर आटो मोबाइल के दफ्तर में पहुंचा। इस दौरान केबिन में बैठे आटोमोबाइल संचालक संजय अग्रवाल पर दो गोली चलाई।
24 गवाहों के बयान
न्यू राजेंद्रनगर थाना पुलिस ने प्रकरण की जांच करने के बाद घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज सहित केस डायरी कोर्ट में पेश की। वहीं अभियोजन पक्ष द्वारा सुनवाई के दौरान 24 गवाहों के बयान करवाए गए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने गवाहों के बयान और पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर आरोपित आरक्षक को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास के साथ पांच सौ रुपये अर्थदंड और धारा 25 (1 ख) क आयुध अधिनियम के अपराध एक वर्ष कठोर कारावास और पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित करने का फैसला सुनाया। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर आरोपित को तीन-तीन माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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