हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर माह ही प्रदोष व्रत रखा जाता है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष का दूसरा और आखिरी प्रदोष व्रत 27 सितंबर 2023 बुधवार को होगा। फिलहाल गणेश उत्सव चल रहा है और इस दौरान पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व भी बढ़ गया है। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत मां गौरी और भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से जातक के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।
बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
पंडित चंद्रशेखर मलतारे का कहना है कि बुध प्रदोष व्रत यदि विधि विधान से किया जाता है तो सुख-सौभाग्य और खुशहाली की प्राप्ति होती है। भाद्रपद माह का आखिरी प्रदोष व्रत 27 सितंबर 2023 को रखा जाएगा। पंचांग के मुताबिक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 27 सितंबर 2023 को सुबह 1.45 मिनट पर शुरू होगी और रात को 10.18 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 27 सितंबर 2023 को शाम 6.12 मिनट से रात 8.36 मिनट तक रहेगा।
ऐसे करें प्रदोष व्रत की पूजा
- प्रदोष व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें।
- स्नान के बाद बुध प्रदोष व्रत का संकल्प लें।
- शिव-गौरी के साथ-साथ भगवान गणेश की भी पूजा करें।
- प्रदोष व्रत में शाम को भी पूजा की जाती है। शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
- भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
- प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करने से बाद भगवान भोलेनाथ की आरती करें।
डिसक्लेमर
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